रिपोर्ट: सुजीत पाण्डेय
बिहार मे चार विधायक सांसद बन गए है. इन चारो विधानसभा मे जल्द ही उपचुनाव होगा. जिसमें रामगढ़, बेलांगज, तरारी और इमामगंज विधानसभा शामिल है। चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारी में एनडीए, महागठबंधन के साथ कई निर्दलीय प्रत्याशी जुट गए है.
बता दे रामगढ़ से विधायक सुधाकर सिंह के बक्सर से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां उपचुनाव होना है। वहीं गया के बेलागंज से विधायक सुरेंद्र यादव के जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर भी उपचुनाव होना है। ऐसे ही इमामगंज से विधायक जीतन राम मांझी के गया से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर और आरा के तरारी विधानसभा सीट पर विधायक सुदामा प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां भी उपचुनाव होना है।
चार विधानसभा उपचुनाव मे दिग्गज नेता अपने पुत्रों को सेट करने में लगे हुए हैं। रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में अजित सिंह को राजद उम्मीदवार बनाया जा सकता है। जगदानंद सिंह पहले ही अपने बेटे सुधाकर सिंह को पहले विधायक और अब सांसद बनाने में सफलता पा चुके हैं। ऐसे में अब अजित को विधायक बनाकर वे दूसरे बेटे को भी सेट कर देंगे। सूत्रों की माने तो लालू यादव ने जगदानंद सिंह को हरी झंडी दे दी है.
राजद के वरिष्ठ नेता और जहानाबाद के सांसद सुरेन्द्र यादव अपने बेटे को विधायक बनाने के लिए इस बार के उपचुनाव में राजद उम्मीदवार के तौर पर बेलागंज से उतार सकते हैं। लालू-तेजस्वी यादव भी बेलागंज में सुरेन्द्र यादव की मजबूत पकड़ को देखते हुए उनके बेटे विश्वनाथ यादव को उम्मीदवार बनाने पर मुहर लगा सकते हैं।
इमामगंज से विधायक रहे जीतन राम मांझी फ़िलहाल जीतन राम मांझी खुद केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं। अपनी खाली हुई सीट पर अपने छोटे बेटे प्रवीण मांझी को उपचुनाव में उतार सकते हैं। इस बार एनडीए की ओर से इमामगंज सीट हम के खाते में जा सकती है। जीतन राम मांझी के एक बेटे संतोष सुमन पहले से विधान परिषद के सदस्य और नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल हैं। अब जीतन राम अपने दूसरे बेटे को टिकट दे सकते हैं। ऐसे में उनके दोनों बेटे सियासत में सेट हो जाएंगे.
हालांकि, तरारी विधानसभा उपचुनाव में परिवारवाद का कोई संकेत नहीं है, वहां वाम दल आपसी सहमति से कार्यकर्ताओं के बीच से ही किसी एक को उम्मीदवार बनायेगा.