रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
कौआ पक्षी अक्सर घर की छतों पर दिखाई दे देता है. कौए का नाम आते ही दिमाग में उसकी इमेज बन जाती है, जो कि काले पक्षी के रूप में होती है. अपने काले रंग के कारण इस पक्षी पर गाने भी बन गए है पर आपको कोई कहें कि कौआ काला ही नहीं, बल्कि सफेद भी होता है तो शायद ही मान पाए, लेकिन ऐसा हुआ है.
बिहार के औरंगाबाद जिले के पिपरा प्रखंड में सफेद कौए को देखा और अपने कैमरे में कैद कर लिया. पहली नज़र में जिसने भी देखा मं को विश्वास नहीं हुआ और नजदीक जाकर देखा. यहां जो कौआ दिखाई दिया है उसमें सफेद रंग ज्यादा है.
कहाँ से आया अभी तक किसी को पता नहीं है
सफ़ेद कौवा देश में कहीं नहीं पाया जाता है पर ये कौवा कहाँ से आया किसी पता नहीं है. लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है.
अमृत पीने पर श्राप की वजह से हुआ था कौआ काला ?
हालांकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कौवे के सफेद से काले होने की अलग कहानी है. मान्यताओं के अनुसार काफी समय पहले पहले एक ऋषि ने एक सफेद कौवे को अमृत ढूंढने भेजा और उसे आदेश दिया कि वो सिर्फ अमृत की जानकारी ला कर दे लेकिन उसे पीना नहीं है. सालों की मेहनत के बाद सफेद कौवे ने अमृत को ढूंढ निकाला लेकिन इतनी मेहनत के बाद उसे भी अमृत पीने की लालसा होने लगी.
कौवे ने अमृत पी लिया और उसके बाद इसकी जानकारी साधु को दी अमृत पीने की बात सुनकर साधु कौवे पर नाराज हो गए और उसे श्राप दिया कि वचन भंग करके उसने अपनी जिस अपवित्र चोंच से पवित्र अमृत को जूठा किया है इसलिए लोग उससे घृणा करेंगे और अशुभ मानते हुए हमेशा उसकी बुराई करेंगे साधु ने यह श्राप देते हुए सफेद कौवे को अपने कमंडल के काले पानी में डुबो दिया जिसके बाद कौवे का रंग काला पड़ गया और तभी से कौवे का रंग काला हो गया.
यह जानकारी ईटीवी भारत के वरिष्ठ पत्रकार राजेश रंजन ने दी है. सफेद कौवे की पहचान और फोटो स्थानीय निवासी और राजेश रंजन ने लिया है.