फिर बीजेपी ने बाहरी को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, कैडर पर क्यों नहीं भरोसा

रिपोर्ट: सुजीत पाण्डेय

बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नियुक्ति के बाद ही स्थानीय और बाहरी की बात ने फिर जोर पकड़ लिया है. वरिष्ठ नेताओं ने एक सुर में कहा था आरएसएस पृष्ठ भूमि के कार्यकर्ताओ को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, जो पार्टी को संतुलित रूप से चला पायेगा. बताया जा रहा है कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई (भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ) में डॉ. दिलीप जायसवाल दुमका जिले में पद धारक हुआ करते थे। तब एनएसयूआई की बिहार इकाई के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. प्रेमचंद्र मिश्र थे।

कांग्रेस, राजद, जदयू एवं हम जैसे कई दलों को छोड़कर भाजपा में आए नेताओं की किस्मत बदली है उन्हें अहम पद सौंपे गए हैं. दूसरे दलों से भाजपा में आए कई नेताओं को पार्टी राज्य सरकार में मंत्री पद या संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे अहम दायित्व भी देती रही है, लेकिन इस बार पार्टी ने लगातार तीसरी बार दल में बाहर से आए व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया है। दिलीप जायसवाल से पहले सम्राट चौधरी और डॉ. संजय जायसवाल भी दूसरे दल की परिक्रमा कर भाजपा में आए और प्रदेश इकाई का नेतृत्व किया.

बता दें कांग्रेस, राजद और जदयू से भाजपा में आए लगातार तीसरे व्यक्ति को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व देकर पार्टी ने बड़ा संदेश आरएसएस को दिया है या फूफा बनें वरिष्ठ कार्यकर्त्ताओं को दिया है ये तो आनेवाला समय ही बतायेगा.