रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू ने देश और राज्य सरकार पर बड़ा हमला किया है.
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू ने कहा क़ी भगवान राम एवं सीता से जुड़े देशभर के नौ राज्यों के 15 जिलों को रामायण सर्किट में शामिल कर वहां के परिवहन व्यवस्था, रेल्वे कनेक्टिवीटी को बेहतर बनाने, एयरपोर्ट का विकास करने, पर्यटक को बढावा देने आदि का काम सन 2015 से चालू है ।
केंद्र और राज्य सरकार कर रही है अनदेखी
बिहार राज्य के रामायण सर्किट से जोड़ने हेतु चार पूर्व प्रस्तावित शहरों सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा और गया में से तीन को शामिल कर गया को राज्य एवं केंद्र सरकारों की अनदेखी के कारण छोड़ दिया गया, जो न्याय संगत नहीं है।
जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
सीतामढ़ी, दरभंगा, बक्सर उत्तर प्रदेश के अयोध्या, शृंगावेरपूर, नंदी ग्राम, चित्रकूट मध्यप्रदेश के कटनी, जबलपुर, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर , उड़ीसा के महेंद्रगिरी , तेलंगाना के भद्राचलन, तमिलनाडु के रामेश्वरम , कर्नाटक के हम्पी, नागपुरऔर नासिक आदि को रामायण सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि बिहार से झारखंड के विभाजन के उपरांत, सन 2000 में बिहार के विकास हेतु बनाए गए आर्थिक पैकेज के ज्ञापन में ही पहली दफा बुद्धिस्ट सर्किट के तर्ज़ पर रामायण सर्किट बनाने की बातें कही गई थी, जिसे बाद में अमलीजामा पहनाते हुए रामायण सर्किट बनाया गया।
रामायण काल से जुड़ा हुआ है अस्तित्व फिर भी अनदेखी
नेताओं ने आरोप लगते हुए कहा कि गया का विश्व प्रसिद्ध सीता कुंड मंदिर, विष्णु पद, माता सीता की श्रापित फल्गु नदी, जहां एक समय में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी दशरथ जी का पिंडदान करने आए थे, जिसकी चर्चा सभी हिन्दू धर्म के ग्रंथों में भी है, परंतु बिहार के सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा के साथ अखिर गया को क्यों नहीं रामायण सर्किट से जोड़ा गया। यह बात समझ से परे है।
राष्ट्रपति से क़ी गयी है मांग
नेताओं ने गया को देश के रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केन्द्रीय पर्यटन मंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री से किया है ताकि गया भगवान राम, माता सीता से जुड़े देशभर के नौ राज्यों के पंद्रह शहरो से विशेष रूप से जुड़ सके एवं यहां का विकास हो सके ।