रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू ने बताया कहा क़ी मैंनेचेस्टर ऑफ बिहार के नाम से प्रसिद्ध गया जिला के मानपूर प्रखंड के पटवा टोली में लगभग 2000 हैंडलूम और 12000 पावर लूम के जरिए कपड़ा बुनाई का काम किया जाता है, जिसमें 35 से 40 हजार श्रमिक को रोजगार मिला हुआ है.
गया पटवा समाज और बुनकरो में छायी है मायूसी
इनके लिए राज्य सरकार द्वारा वर्षो से मानपूर प्रखंड के शादीपुर गांव में 23 एकड़ जमीन में टेक्सटाइल पार्क जहां धागा बुनाई से कपड़े बनाने का बड़े पैमाने पर आधुनिक औद्योगिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की योजना का शुभारंभ नहीं होने से पटवा, बुनकरों में भारी मायूसी है।
महाराष्ट्र और तमिलनाडु के तर्ज पर बन्ना था टेक्सटाईल पार्क
संयोजक पटवा बुनकर समाज,मानपूर तारकेश्वर नाथ ने कहा क़ी राज्य सरकार द्वारा गया जिला में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के तर्ज़ पर इंटीग्रेटेड टेक्स्टाइल पार्क हेतू मानपूर के शादीपुर गांव में 23 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने के उपरांत अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है ।
पटवा टोली में रहने वाले लोग दूषित पानी पिने को मजबूर
पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली कहा कि टेक्स्टाइल पार्क नहीं बनने से समूचे पटवा टोली मुहल्ला के घर – घर में खट- ख़ट की आवाज तथा हैंडलूम, पावर लूम चलने से रंगीन पानी के फल्गु नदी में गिरने से लोग प्रदुषित पानी पीने को मजबूर हैं। टेक्सटाइल पार्क बनने से पूरे पटवा टोली मुहल्ला में आवाज प्रदूषण बंद होगा, फल्गु नदी प्रदूषण मुक्त होगा, तथा स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
पुरे देश में होती यहाँ क़ी बनी कपड़ो क़ी बिक्री हर साल करोड़ो का करोबार
कमिटी से जुड़े सदस्यों ने कहा क़ी पटवा टोली के कपड़ों की सप्लाई पूरे भारत में होती है। यहाँ का कपड़ा 60% पश्चिम बंगाल,15% आसाम शेष झारखंड, उड़ीसा और बिहार में होती है, इस उद्योग से 35000 लोग जुड़े हुए हैं और साल में करीब 400 से 500 करोड़ का कारोबार होता है।
मुख्यमंत्री से क़ी गयी है मांग
बिहार के मुख्यमंत्री एवं उद्योग मंत्री, बिहार सरकार से अविलंब गया जिला के मानपूर प्रखंड के शादीपुर गांव में टेक्स टाइल् पार्क का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग किया है।