रिपोर्ट- लोकल डेस्क
931 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले जहानाबाद जिले की 2011 की जणगणना के अनुसार आबादी 11,24,176 थी लेकिन अब यह बढ़कर वर्तमान में लगभग सोलह लाख से अधिक पहुंच गई है। जहानाबाद को 01 अगस्त 1986 ई. को जिला का दर्जा प्रदान किया गया था.
90 के दशक में लाल इलाके के रूप में पहचाने जाने वाला जहानाबाद जिला को जिस उदेश्य व तात्पर्य को लेकर स्थापना की गई थी, वह आज भी पूरी तरह से विकास के मामले में परिपक्व नहीं हुई है। इसके पीछे वर्तमान सरकार का उपेक्षा है. राजधानी पटना से सटे जिला में उच्च स्तरीय अस्पताल, स्कूल, सड़क व्यवस्था नहीं है आज भी लोग बुनियादी सुविधा के लिए सड़क पर उतरते हैं. हालांकि सरकार के पहल से नक्सलवाद और जाति संघर्ष पूरी तरह से खत्म हो गया है.
बराबर पर्वत समूह में मौर्यकालीन गुफा संस्कृति, भीतिचित्र, मूर्तिकला, गुहालेखन, वास्तुकला के बेजोड़ नमूने जिले की पौराणिक व महान ऐतहासिक धरोहरों व संस्कृति का प्रतीक है। 1904 ई. में जहानाबाद में जेल की स्थापना हुई थी।
बिहार के गौरवमयी इतिहास के प्राण माने जाने वाले मगधीय संस्कृति और सभ्यता में जहानाबाद जिले की विशिष्ट व पौराणिक पहचान रही है। जहानाबाद जिले के बराबर , धराउत, घेजन, ओकरी, भेलावार , दक्षणी, काको, जहानाबाद , केउर, अमथुआ, पाली तथा नेर में सौर धर्म, शैव धर्म, वैष्णव धर्म, शाक्त धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, इस्लाम धर्म, ईसाई धर्म की विरासत विखरी पड़ी है, जो यहां की गांगी जमुनी तहजीब की महान व प्राचीन परंपरा को भी रेखांकित करती है।