बिहार का 39वां जिला बनेगा बाढ़, तैयारी शुरू !

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह

एक बार फिर बाढ़ को अलग जिला बनाने को लेकर मांग तेज हो गयी है. यह मांग वर्षो से चली आ रही है.बाढ़ से बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि जल्द ही बाढ़ जिला बन सकता है। ये बात बाढ़ अनुमंडल के बाढ़ थाना अंतर्गत डाक बंगला में बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने जनता दरबार में लोगों की समस्या सुनने के दौरान कही।

मुख्यमंत्री से मिला है आश्वासन 

विधायक से जब जिला बनाने की बात पूछी गई तो ज्ञानू ने कहा कि कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात हुई थी। उन्होंने कहा कि जिला बनाने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री से आश्वासन मिला है कि जल्द ही बाढ़ को जिला बनाने की संभावना है। बाढ़ को जिला बनाने की मांग सालों से चली आ रही है। इसे देखते हुए नीतीश कुमार ने कह था कि बाढ़ को जिला बनाएंगे।

एक वर्ग को होगा फायदा 

विधायक का दावा है कि अगर सच होता है तो जनता के एक बड़े वर्ग को ख़ुशी होगी। वहीं एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो पटना जिले में ही रहना चाहता है, जिसे निराशा हाथ लगेगी। यही कारण है कि सालों से लंबित इस मांग को पूरा करने में सरकार आज भी कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती।

159 साल पहले बना बाढ़ अनुमंडल

ब्रिटिश हुक्मरानों के द्वारा सन 1865 में बाढ़ को अनुमंडल का दर्जा दिया गया था। बाढ़ को मगध का प्रवेश द्वार माना जाता है। जिला का दर्जा मिलने से बाढ़ अनुमंडल मे विकास की गति तेज होगी। जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के बैठने से प्रशासनिक पकड़ मजबूत होगी। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के लोगों को जिला के कामों के लिए पटना जाना पड़ता है। इससे समय और पैसे की बचत होगी। टाल क्षेत्र के कृषि कार्यों का दायरा बढ़ेगा। दाल उद्योग सहित कई स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।

159 साल पहले बना बाढ़ अनुमंडल

ब्रिटिश हुक्मरानों के द्वारा सन 1865 में बाढ़ को अनुमंडल का दर्जा दिया गया था। बाढ़ को मगध का प्रवेश द्वार माना जाता है। जिला का दर्जा मिलने से बाढ़ अनुमंडल मे विकास की गति तेज होगी। जिला प्रशासन के आला अधिकारियों के बैठने से प्रशासनिक पकड़ मजबूत होगी। वहीं दूसरी तरफ क्षेत्र के लोगों को जिला के कामों के लिए पटना जाना पड़ता है। इससे समय और पैसे की बचत होगी। टाल क्षेत्र के कृषि कार्यों का दायरा बढ़ेगा। दाल उद्योग सहित कई स्थानीय कारोबार को बढ़ावा मिलेगा।

बाढ़ को मगध का प्रवेश द्वार माना जाता है.

राजधानी पटना से 65 किलोमीटर दूर पर स्थित बाढ़ अनुमंडल का कुल भौगोलिक रकवा 92818 हेक्टेयर है ।इसके अंतर्गत सात प्रखंड क्रम से मोकामा, घोसवरी, पंडारक, बाढ़, बेलछी, अथमलगोला तथा बख्तियारपुर हैं। 83 पंचायतों तथा 337 गांव को अपने क्षेत्र में समेटे अनुमंडल का ज्यादातर हिस्सा टाल का है। इस अनुमंडल की सीमा नालंदा ,शेखपुरा ,लखीसराय ,बेगूसराय तथा समस्तीपुर को स्पर्श करती है।