रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
जन सुराज के संरक्षक प्रशांत किशोर ने हाल ही में एक चैनल कों दिए इंटरव्यू में शराबबंदी खत्म करने दावा किया है. एक सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि शराबबंदी से किसी समाज, किसी राज्य, किसी देश का कभी मानव सभ्यता के इतिहास में किसी ने अपना विकास किया हो शराबबंदी के जरिए इसका कोई प्रमाण दुनिया में नहीं है. अलग-अलग समय काल खंड में लोगों ने सरकारों ने प्रयास किया.
कैसे करेंगे शराबबंदी कों खत्म ?
प्रशांत किशोर ने दिये गए इंटरव्यू में कहा क़ी बिहार में शराबबंदी की वजह से हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है, क्योंकि ये पैसा शराब माफियाओं को भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों की जेब में जा रहा है। पीके के तौर पर जाने जाने वाले प्रशांत ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वह एक घंटे के भीतर शराबबंदी को हमेशा के लिए खत्म कर देंगे।
गाँधी जी ने कभी नहीं क़ी शराबबंदी क़ी बात
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, “नीतीश कुमार और उनके चेले-चपाटे बताते हैं कि महात्मा गांधी ने शराबबंदी की बात की थी। मैं उन लोगों से कह रहा हूं कि गांधी जी ने अगर कहीं कहा है कि सरकार को कानून बनाकर शराबबंदी लागू करना चाहिए। यह वाक्य मुझे दिखाइए, यह उनके शब्द सुनाइए. फिर मैं बिल्कुल नीतीश कुमार के चरण छूकर माफी मांगने को तैयार हूं। गांधी जी ने आज तक कहीं जीवन में ये नहीं कहा कि सरकार को कानून बनाकर शराबबंदी लागू करना चाहिए।
शराबबंदी से सबसे ज्यादा महिलाएं प्रताड़ित
आगे उन्होंने ने कहा क़ी शराबबंदी में जितने लोगों पर केस हुआ उसके मुकाबले जितने लोग जेल में हैं ये ज्यादातर लोग गरीब हैं. दलित समाज के हैं. इसमें तो सबसे ज्यादा महिलाएं ही प्रताड़ित हो रही हैं. उनके घर वाले को आप पकड़ लेंगे तो वो वकीलों के और थाने का चक्कर लगा रही हैं.
भ्रष्ट पुलिस वालों के जेब में जा रहा है पैसा
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू है कहां? फायदा तो तब होगा जब लागू होगा. शराब की दुकानें बंद हो गईं, होम डिलीवरी चालू हो गई. इस पूरे निर्णय का असर क्या हुआ? हर साल बिहार जैसे गरीब राज्य का 20 हजार करोड़ रुपये रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है. ये पैसा कहां जा रहा है? ये जा रहा है भ्रष्ट पुलिस वालों के पास, ये पैसा जा रहा है खास अफसरों के पास, माफिया के पास.