मोदी ने चिराग को दिया वैल्यू, मांझी को किया दरकिनार..

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

बिहार एनडीए सहयोगियों में कई मुद्दों को लेकर एक-दूसरे से आमने – सामने आ गए हैं. अब आरक्षण कों लेकर तनातानी शुरू हो गया है. अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से एनडीए में खटपट और बढ़ सकती है. 

क्या है मामला ?

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एससी-एसटी आरक्षण में सब-कैटिगरी बनाने की मांग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी थी. जिसके के बाद सरकार इन्हें लागू करने का मन बना रही थी. हालांकि, केंद्र की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एससी और एसटी संसाधनों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद भरोसा दिया कि आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं किया जाएगा.

चिराग और मांझी में हुआ तनातनी 

जीतन राम मांझी और चिराग पासवान दोनों ही केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं दोनों ही दलित समाज से आते हैं. एनडीए सरकार में साझेदार चिराग पासवान और जीतन राम मांझी के बीच भी तनातनी देखी जा रही है. एनडीए में हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया तो केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अदालत के फैसले के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं. 

अगले साल चुनाव में पड़ेगा प्रभाव 

अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण का यह मुद्दा और गरमा सकता है. मांझी और चिराग के बीच उठे बवाल से एनडीए में खटपट और बढ़ सकती है.

मांझी के जगह चिराग कों दिया तवज्जो 

अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST Reservation) के आरक्षण कोटे में क्रीमी लेयर की पहचान की बात करने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर शुक्रवार (9 अगस्त) को पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट बैठक बुलाई थी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की जगह चिराग पासवान की राय को प्रधानमंत्री ने तवज्जो दिया. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का नहीं करते समर्थन 

बैठक के बाद मोदी सरकार ने साफ कर दिया कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समर्थन नहीं करती. केंद्र सरकार ने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान नहीं है, जैसा कि बीआर अंबेडकर ने परिकल्‍पना की थी. 

प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था आश्वासन 

शुक्रवार को बीजेपी सांसदों ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और उनसे इस संबंध में विस्तार पूर्वक बात की थी। प्रधानमंत्री ने सभी सांसदों को आश्वस्त किया था कि जब तक केंद्र में मोदी की सरकार है, तब तक दलितों को मिलने वाले आरक्षण में किसी भी प्रकार की आंच नहीं आएगी। बीजेपी सांसदों ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा था। जिसमें दलितों की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया था।