क्या चलेगा पीके का जादू? जनसुराज विधानसभा उपचुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगी

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

बिहार में आगामी विधानसभा उपचुनाव कों लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है. प्रशांत किशोर क़ी नेतृत्व वाली पार्टी जनसुराज भी उपचुनाव में अपना उम्मीदवार उतारेगी.

2 अक्टूबर कों राजनैतिक पार्टी बनेगा जनसुराज 

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने प्रेसवार्ता में कहा कि आगामी 2 अक्टूबर को जन सुराज राजनैतिक दल के रूप लेने जा रह है। अगर दो अक्टूबर 2024 के बाद बिहार में उप चुनाव हुआ तो जन सुराज से जुड़े साथियों का उप चुनाव लड़ना तय है दो अक्टूबर से पहले उप चुनाव हुआ तो जन सुराज से जुड़े साथी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे।

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नीतीश सरकार में अफसरशाही हावी है 

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में अफसरशाही हावी है। जहां प्रखंडों में प्रखंड प्रमुख के की अलग पहचान है। वहीं आज वैसे जनप्रतिनिधि बीडीओ के पीए बने हुए हैं। किसी भी सरकारी विभाग में बिना पैसा दिए, एक भी काम नहीं होता है। यहां तक की बुजुर्गों को मिलने वाले वृद्धा पेंशन में 20 रुपए और इंदिरा आवास योजना में 30 से 35 हजार अफसरों को नजराना देना पड़ता है। आज बिहार की पहचान व्याप्त भ्रष्टाचार से जाना जा रहा है।

बिहार में माफिया राज चल रहा है 

पीके ने कहा कि बिहार में अवैध शराब की होम डिलेवरी, अवैध बालू खनन और अनाज माफियाओं का राज्य है। यही कारण है कि बिहार से सबसे अधिक लोगों का पलायन हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार बिहार में महज दो फीसदी ही लोगों को नौकरी मिल सकती है। शेष 98 फीसदी के लोगों को नौकरी या रोजगार मुहैया कैसे कराएंगे। राज्य सरकार बिहार की जनता को सिर्फ ठगने का काम कर रही है।

राजद और हम क़ी बढ़ी टेंशन 

बिहार उपचुनाव होने वाले इमामगंज और बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में जन सभा को सम्बोधित किया. राजद और हम पार्टी के कार्यकताओं में हलचल मच गई है। क्योंकि इमामगंज विधानसभा क्षेत्र और बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होना है.ऐसे में अचानक प्रशांत किशोर का गया आना और इन दिनों सीटों पर सभा करना। लोगों के बीच एक नया संदेश दे रहे हैं. जहां भी प्रशांत किशोर सभा को संबोधित कर रहे हैं, वहां उनके निशाने पर राजद और एनडीए है। मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी गया लोकसभा और जहानाबाद लोकसभा सीट से डा. सुरेंद्र प्रसाद यादव जीते थे। जीतने के बाद दोनों सीट खाली हो गई है।

अभी चुनाव क़ी तारीखों क़ी घोषणा नहीं हुई है 

निर्वाचन आयोग ने फिलहाल तारीखों की घोषणा नहीं की है। अब प्रशांत किशोर के उपचुनाव लड़ने के ऐलान के बाद दोनों ही प्रमुख गठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ गई है। इस साल होने वाले उपचुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। यहां एनडीए और महागठबंधन दोनों की ही प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।