बाहुबली सुनील पाण्डेय अब भाजपाई कहलाएंगे, एके 47 से है गहरा नाता

रिपोर्ट- डेस्क

सुनील पांडेय फिलहाल तक लोजपा पारस गुट के नेता थे, उससे पहले जदयू के सिपाही थे. अब भाजपा का नेता बन गए है. सुनील पाण्डेय पर 23 अपराधिक मामला दर्ज है.जिसमे अपहरण,लूट, हत्या की साजिश, रंगदारी जैसे मामले शामिल है. अपराध की दुनिया से लेकर राजनीति तक का इनका सफर फिल्मी है. सुनील पांडेय की आधी जिंदगी जेल में तो आधी फरारी में बीती है.

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1998 में बिहार के मुंगेर के मिर्जापुर गांव में नदी, कुओं, खेतों से 20 एके-47 रायफल बरामद हुआ था. जांच में पता चला की सभी एके-47 जबलपुर ऑर्डिनेंस डिपो के थे. इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुरू की. एनआईए ने 2019 में बिहार के कई शहरों में जांच के तहत ताबड़तोड़ छापेमारी की जिसमे सबसे चौकाने वाला नाम सामने आया वो सुनील पांडेय का था.

सुनील पांडेय की अपराधिक मामलों में संलिप्तता की कहानी का खुद उनके हलफनामे बताते हैं. 2010 में जब सुनील पांडेय विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे उस समय जो हलफनामा दिया उसमे 23 अपराधिक मामलो का जिक्र था जिसमे अपहरण,लूट, हत्या की साजिश, रंगदारी जैसे मामले शामिल थे. 2003 में पटना के नामी सर्जन रमेश चंद्र का अपहरण हुआ था जिसमें 50 लख रुपए की रंगदारी मांगी गई थी. पुलिस ने हालांकि बाद में रमेश चंद्र को ढूंढ निकाला पर इस मामले में तहकीकात के दौरान सुनील सिंह का नाम सामने आया था. 2008 में अन्य लोगों के साथ सुनील सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. हालांकि यह मामला जब हाईकोर्ट में गया तो उन्हें सबूत के अभाव में बरी कर दिया गया था.

बता दे सुनील पांडे अपने बेटे विशाल प्रशांत के साथ भाजपा में शामिल हुए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने पांडे को पार्टी की सदस्यता दिलाई। पिछले कुछ दिनों से पांडे भाजपा नेताओं के संपर्क में थे। कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा तरारी सीट से पांडे के बेटे को उम्मीदवार बनाएगी। सुनील पांडे पहले भी तरारी सीट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।