लालू के हनुमान ने छोड़ा राजद का साथ, तेजस्वी कों लगा बड़ा झटका …

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

इस वक़्त बिहार के राजनीति में हलचल तेज हो गयी है लालू के हनुमान कहे जाने वाले राजद के कद्दावर नेता रहे पूर्व विधायक ने लालू यादव का साथ छोड़ दिया है. कहा  ”मैं शतरंज  का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.”

पूर्व मंत्री श्याम रजक ने छोड़ा लालू यादव का साथ 

एक समय लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे श्याम रजक ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को अलविदा कह दिया है. इसके साथ ही उन्होंने महासचिव के पद के भी इस्तीफा दे दिया है. श्याम रजक 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) छोड़कर आरजेडी में शामिल हुए थे. 

क्या फिर से नीतीश के साथ जायेंगे श्याम ?

हालांकि एक बार फिर उनके नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में शामिल होने की अटकलें हैं. श्याम रजक जदयू से राजद में गए थे. अब वह एक बार फिर जनता दल यूनाइटेड में शामिल होकर फुलवारी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। जानकार यह भी बताते हैं कि कुछ दिन पहले श्याम रजक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाक़ात भी की थी।

उन्होंने कहा कि मैं इसके लिए एक सप्ताह का समय लूंगा. इस बारे में विचार-विमर्श करूंगा कि फुलवारी शरीफ के विकास के लिए कौन सा दल ज्यादा कारगर साबित हो सकता है. श्याम रजक ने कहा कि अगर इसका फैसला नहीं हो पाया तो वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं. 

इस्तीफे पत्र में क्या लिखा?

श्याम रजक ने अपने इस्तीफे में शतरंज और मोहरों का जिक्र करते हुए एक गहरा मैसेज दिया है. उन्होंने कहा कि मैं शतरंज का एक्सपर्ट खिलाड़ी नहीं था. इसलिए धोखा खा गया.

श्याम रजक ने अपना इस्तीफा देते हुए लिखा कि मैं राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव और दल की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं. इसके साथ ही उन्होंने एक मैसेज भी दिया, इसमें लिखा कि ”मैं शतरंज  का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया, आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था.”

राजद से किस बात क़ी थी नाराजगी 

श्याम रजक का विधानसभा क्षेत्र फुलवारी शरीफ रहा है, वह कई बार फुलवारी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, कहा जा रहा है कि दरअसल श्याम रजक को इस बात से नाराजगी थी कि उन्हें राज्य सभा क्यों नहीं भेजा गया। उनके अनुसार राष्ट्रीय जनता दल ने मनोझ झा को दोबारा राज्यसभा भेज दिया।