रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय
लोजपा (आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान जब से केंद्रीय मंत्री बनें है तब से मोदी सरकार के फैसलो पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. इसी बीच उनकी पार्टी के टूटने की चर्चा भी होने लगी. अब चिराग पासवान की संसद की सदस्यता खत्म करने के लिए बीजेपी नेता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. भाजपा नेता राकेश सिंह ने उन पर रेप जैसे संगीन केस की जानकारी छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है.
2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में वो लोजपा के टिकट पर ही जहानाबाद के घोषी से प्रत्याशी रहे हैं हालांकि, वो चुनाव हार गए थे. चिराग पासवान के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राकेश सिंह अब भाजपा से जुडे़ हैं. राकेश ने कहा कि चिराग का अपना कोई वजूद नहीं है। वजूद तो उनके पिता रामविलास पासवान का था. ये तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुनाव जीतकर आए हैं और ये आरक्षण मामले पर उनके ही खिलाफ गए. इसलिए इनकी लोकसभा सदस्यता को हमने चुनौती दी है.
भाजपा नेता राकेश सिंह के द्वारा पूरा मामला ये बताया गया है की चिराग ने चुनावी हलफनामा मे रेप एक मामले को छुपाया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश पर वहां 2021 में पुलिस ने FIR दर्ज की थी. इसकी जानकारी लिखित में देने की जगह उन्होंने छिपाई है. राकेश सिंह का दावा है कि चुनावी हलफनामा में इन्होंने अपनी प्रॉपर्टी के बारे में भी तथ्य छुपाए हैं। उसमें सिर्फ पटना के एसके पुरी के घर के बारे में बताया है. राकेश सिंह ने चिराग की बीटेक की डिग्री पर भी सवाल उठाया है.
बता दे भाजपा नेता राकेश सिंह ने खिलाफ पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील की है. साथ ही चुनाव आयोग से भी शिकायत की है. तीनों ही जगह पर अपील कर हाजीपुर से उनकी लोकसभा की सदस्यता को खत्म किए जाने की मांग की गई है. उनके अपील पर डायरी हो गई है और टोकन नंबर भी मिल गया है। इस मामले में उन्होंने चुनाव आयोग, हाजीपुर डीएम और रिटर्निंग अफसर को रेस्पोंडेंट बनाया है.