जब हम बिहार आते है तो दिल मे बहार आ जाता है – बाबा बागेश्वर

रिपोर्ट- डेस्क

बाबा बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री बिहार के धार्मिक नगरी गया पहुंचे. यहां ना तो कथा करेंगे और ना ही दिव्य दरबार लगाएगे. बोधगया के एक निजी होटल मे वो अपने शिष्यों के साथ पिंडदान से जुड़ें कर्म काण्ड करेंगे.

गया में बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का आगमन देर रात्रि को हुआ. बागेश्वर बाबा के देर रात्रि में आने के बाद भी उनके भक्त जमे हुए थे. वहीं, बाबा बागेश्वर ने बोधगया से कई बड़ी बात कही है. कहा है, कि भारत में सबसे बड़ा जहर जात-पात, उंच नीच छुआछूत का है. उन्होंने इसे लेकर प्रण लिया है, कि वे इसे मिटाएंगे और गांव गांव की पदयात्रा करेंगे. 21 नवंबर से उनकी पदयात्रा शुरू होगी. वहीं, बिहार के बारे में कहा कि वह इस राज्य की चर्चा, गया जी की चर्चा ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी करते हैं.

बोधगया पहुंचने के बाद बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा ने कहा है, कि उन्होंने एक नया प्रण लिया है. प्रण लिया है, कि वह भारत के पिछङे लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव की पदयात्रा करेंगे. क्योंकि, भारत में सबसे बड़ा जहर जात-पात, उंच- नीच और छुआछूत का है. इसे पाटने और सनातनी एकता के लिए वे भारत के पिछङे लोगों से मिलने के लिए गांव-गांव की पदयात्रा करेंगे. 21 नवंबर से 29 नवंबर तक 160 किलोमीटर की पदयात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होगी.

भक्तों की भीड़ को देखते हुए कुछ देर के लिए बाबा बागेश्वर बाहर आकर कहा, आप सभी की अर्जी स्वीकार कर रहा हूं. आपको आशीर्वाद दे रहे हैं. बालाजी की कृपा आप पर हो जाए. यह आशीर्वाद है. गौरतलब हो, कि अपने दो सौ अनुयायियों के साथ बाबा बागेश्वर बोधगया में पितृ तर्पण का अनुष्ठान करेंगे. उनके रविवार तक बोधगया प्रवास पर होने की संभावना है.