रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
बिहार में बाढ़ का खतरा अब मंडराने लगा है है. बिहार में बाढ़ के कारण सात तटबंध टूट गए हैं, जिसके चपेट में कई गाँव आ गए है. गाँव में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है गाँव कों जोड़ने वाली सड़क डूब गए है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर पानी चढ़ गया है.
बिहार के इन जिलों में बाढ़ मचा रहा है तांडव
बिहार के बाढ़ प्रभावित जिला सीतामढ़ी, सुपौल,दरभंगा,बेतिया, मधुबनी, कटिहार,गोपालगंज, सीवान,मुजफ्फरपुर के कई इलाकों में बाढ का पानी लोगों के घरों में गुस गया है.
लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर बसेरा बनाये हुए है
बाढ़ का पानी घर में प्रवेश करने से लोग सुरक्षित स्थान पर घर बार छोड़ कर बसेरा बनाये हुए है . कई जगह तो लोग घर के छत पर समय काटने को मजबूर हैं. बगहा में चंपारण तटबंध टूट गया है तो दरभंगा में कोसी तटबंध टूटने से त्राहिमाम मचा हुआ. तटबंध टूटने से कई प्रखंड में लाखो की आबादी प्रभावित होने की बात सामने आ रही है। हांलाकि प्रशासन ने देर रात तक तटबंध को बचाने की कोशिश की। लेकिन कोसी नदी के सामने तटबंध कमजोर पर गया और टूट गया.
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
बाढ़ की स्थिति देखते हुए मौसम विभाग ने पांच जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है. यह चेतावनी उन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है जहां पहले से ही बाढ़ की स्थिति बनी हुई है.
क्यों बन रही है बाढ़ जैसे हालात
इस बार खतरा इसलिए ज्यादा बताया जा रहा है क्योंकि कोसी नदी पर बीरपुर (नेपाल) बैराज से 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो 56 वर्षों में सबसे अधिक है. वहीं 2008 के मुकाबले करीब 3 गुना है. वहीं, ये आंकड़ा 1968 में 7.88 लाख क्यूसेक के बाद सबसे बड़ा है. वहीं, गंडक पर वाल्मिकीनगर बैराज से 5.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो 2003 के बाद सबसे अधिक है.
NDRF की टीम पूरी तरह से मुस्तैद
हालात को सामान्य करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार काम कर रही हैं. जानकारी के अनुसार, इस बार बचाव कार्य को लेकर पहले ही अलर्ट मोड पर काम हो रहा था. लोगों को आगाह किया गया था. स्थिति पर नजर रखी जा रही थी.