नवरात्रि का पहला दिन कल, पालकी सवार होकर आएंगी माता ….

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इस साल माता रानी पालकी पर सवार होकर आ रही हैं। माता के आगमन के लिए नौ दिन के त्योहार की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। नवरात्र 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक चलेंगे और 12 को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। 

डोली पर सवार होकर धरती पर आएंगी माता 

बता दें कि नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी के कई संकेत निकलते हैं। माता रानी के अलग-अलग वाहन का प्रभाव भी धरती पर अलग-अलग होता है. इस साल माता ‘पालकी’ पर सवार होकर धरती पर आ रही हैं. ऐसे में ग्रंथों के अनुसार देवी मां का पालकी पर सवार होकर धरती पर आना शुभ नहीं माना गया है. माता की पालकी की सवारी प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ देश में आर्थिक मंदी, महामारी, जान-माल का नुकसान होने का संकेत देता है. 

मुर्गे पर सवार होकर माता करेंगी प्रस्थान 

इस बार माता रानी  का प्रस्थान चरणायुद्ध (मुर्गा) पर होगा, जो कि शुभ संकेत नहीं है। देवी दुर्गा जब मुर्गा पर सवार होकर विदा होती हैं तो यह अशुभ माना जाता है। यह शोक और कष्ट का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि यह देश दुनिया पर बुरा असर डालने वाला है। लड़ाई-झगड़े बढ़ेंगे और आंशिक महामारी फैलेगी। साथ ही राजनीतिक उथल-पुथल भी देखने को मिल सकता है।

नवरात्रि 2024 कलश स्थापना का शुभ मुहर्त 

शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक का रहेगा। वहीं अभिजी मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से सुबह 12 बजकर 33 मिनट के बीच रहेगा।