रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
रविवार कों हुए जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में आंतकी हमले में 7 लोगों की मौत हुई है. इसमें 3 लोग बिहार से कश्मीर मजदूरी करने गए थे. आतंकी संगठन TRF के कायराना हमले में मधेपुरा के मो. कलीम भी मारे गए.मंगलवार शाम मो. कलीम का शव इनके पैतृक गांव पंहुचा.
कब और कैसे हुआ हमला ?
कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले में मारे गए मोहहम्मद कलीम के दोस्त मो. परवेज बताते है कि
“ हम लोग मेस में खाना खाने के लिए जा रहे थे दो साथी पहले खाना खाकर निकल गए थे और दो आदमी खाना खा रहे थे उसी दरमियान अचानक दो की संख्या में आए आतंकियों ने अंधाधुन फायरिंग शुरू कर दी. पहले उन्होंने हनीफ को गोली मारी जिसके बाद कुछ समझ नहीं आया. मो. कलीम ठीक मेरे पीछे थे और उनको भागने को कहा लेकिन कलीम उसी जगह रुक कर ये देखने लगा कि आखिर हो क्या रहा है उसी समय आतंकवादी ने कलीम को गोली मार दिया. इस दरमियान लगभग 50 फायरिंग हुई उस समय कुछ समझ नही आ रहा था. घटना के लगभग 1 घंटे बाद पुलिस पहुंची. “
इन मासूमों की क्या गलती. अब इनकी परवरिश कौन करेगा – मोहहम्मद कलीम के पिता
जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में बिहार के मधेपुरा जिले के गांव चौड़ा निवासी मो. कलीम की मौत की खबर आई.कलीम मजदूरी के लिए कश्मीर गए थे, आतंकी हमले का शिकार हो गए. मंगलवार शाम मो. कलीम का शव इनके पैतृक गांव पहुंचा तो पूरा गाँव में मातम पसर गया. हर किसी की आंखे नम थीं. मो. कलीम के दो छोटे-छोटे बच्चों को देखकर उनके पिता कह रहे थे कि बताओ इन मासूमों की क्या गलती. अब इनकी परवरिश कौन करेगा.
बिहार सरकार के तरफ से भी कोई सहायता अब तक नहीं मिला है – मृतक के भाई
आतंकी हमले में मारे गए मो. कलीम के छोटे भाई मोहम्मद कयाम ने बताया कि मजदूरी करने गए मेरे भाई को आतंकवादियों ने मारा. हालांकि सरकार की तरफ से अभी कोई सहायता हम लोगों को नहीं मिली है. जम्मू कश्मीर सरकार की तरफ से भी कोई बात नहीं हुई है और बिहार सरकार के तरफ से भी कोई सहायता तक नहीं मिला है.