आज साल की आखिरी पूर्णिमा,जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजन विधि …

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

हिन्दू पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर 2024 को मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा मनाई जाएगी. सनातन धर्म में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रदेव के साथ शिवजी, भगवान विष्णु एवं लक्ष्मीजी की पूजा की जाती है। साथ ही पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है। 

इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के सामने होते हैं

हिंदू पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि हर महीने शुक्ल पक्ष के आखिरी दिन पड़ती है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के सामने होते हैं और चंद्रमा का प्रकाश दिव्य दिखाई देता है, इसलिए इसे फुल मून भी कहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ वैज्ञानिक दृष्टि से भी इस दिन का महत्व है। इस दिन पूजा-पाठ का भी खास महत्व होता है।

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की होती है पूजा 

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि इन कार्यों को करने से जातक का जीवन खुशहाल होता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

पूजन का शुभ मुहर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार, अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। अमृत काल शाम 06 बजकर 06 मिनट से रात्रि 07 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजे से 02 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। वहीं, गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इसके साथ निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य कर सकते हैं।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर जरूर करें ये काम 

• मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।

• इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की विधिवत पूजा करनी चाहिए।

• इस दिन जरूरतमंदों व गरीबों को दान देना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए।

• इस मौके पर भगवान शिव के वैदिक मंत्रों का जाप करना चाहिए।

• इसके साथ ही इस मौके पर चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।