रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
बिहार की राजधानी पटना में अब दार्जलिंग के तर्ज पर टॉय ट्रेन चलने वाली है. इसके लिए सरकार दानापुर रेल मंडल के साथ करार हो गया है. पटना जू में आने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये बड़ी सुविधा होगी और वो ट्रेन से चिड़ियाखाने का पूरा नजारा देख पाएंगे. आज शनिवार को चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन चलाने को लेकर दानापुर रेल मंडल से समझौता पत्र (MOU) पर साइन किया गया.
टॉय ट्रेन से पूरा सफ़र 40 मिनट का होगा
बता दें की पटना चिड़िया घर में जो स्टेशन बनाया जाएगा, वहां से खुलकर गैंडा हॉल, शेर, बाघ, मछली घर, सांप घर जैसे सभी वन प्राणियों के घर से होते हुए गुजरेगी. ट्रेनों के रास्ते में गुफा और खूबसूरत वन एवं पेड़ पौधे भी दिखेंगे जो काफी आकर्षक होंगे. ट्रेन से ये पूरा सफर 40 मिनट का होगा. यानी 40 मिनट में लोग पूरा जू घूम लेंगे.
दिसंबर 2025 तक चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन परिचालन की शुरुआत हो जाने की संभावना है – मंत्री प्रेम कुमार
बिहार सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि आज एमओयू साइन हो गया है. इसके बाद दानापुर रेल मंडल इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू करेगी. उन्होंने बताया कि रेलवे की ओर से बताया गया है कि फरवरी महीने से काम की शुरुआत होगी और 9 महीने में रेल लाइन बिछा कर ट्रेन परिचालन का काम पूरा कर लिया जाएगा और और दिसंबर 2025 तक चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन परिचालन की शुरुआत हो जाने की संभावना है. कहा जाए तो नए साल 2025 में लोगों को टॉय ट्रेन की सुविधा चिड़िया घर में मिल जाएगी.
साल 2004 में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने वाष्प इंजन वाली नई ट्रेन यहां दिलवाई थी
पटना चिड़ियाघर में 1977 में टॉय ट्रेन की शुरुआत की गई थी. साल 2004 में बतौर रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने वाष्प इंजन वाली नई ट्रेन यहां दिलवाई थी, लेकिन 2015 में ट्रेन परिचालन ठप हो गया. बताते चलें कि 10 वर्ष पहले पटना के चिड़ियाघर में टॉय ट्रेन चलाई जाती थी. साल 2014 में कुछ दिनों तक टॉय ट्रेन चलाई गई. फिर ट्रेन का इंजन खराब हो जाने के बाद से यह बंद पड़ी है. 2015 की शुरुआत से ही टॉय ट्रेन का प्रचलन पूरी तरह बंद हो गया था, क्योंकि इंजन से लेकर बोगी सब खराब हो चुकी थी. रेल ट्रैक और इसमें लकड़ियां खराब हो चुकीं थी.