केंद्र सरकार देश के कई राज्यों के राज्यपालों में बदलाव किया है। बिहार, ओडिशा, मिजोरम, केरल, मणिपुर के राज्यपालों को बदल दिया गया है। वही पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे पूर्व कांग्रेस नेता आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
कौन है आरिफ मोहम्मद खान ?
साल 1951 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जन्मे आरिफ मोहम्मद खान बिहार के राज्यपाल बनने के पहले केरल के राज्यपाल थे पूर्व कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। उनके पास ऊर्जा से लेकर नागरिक उड्डयन तक के कई मंत्रालय रह चुके। आरिफ मोहम्मद खान ने दिल्ली के जामिया मिलिया स्कूल से पढ़ाई की है। उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और लखनऊ के शिया कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की।
बहुचर्चित शाहबानो मामले में राजीव गांधी सरकार और कांग्रेस से आरिफ ने दे दिया था इस्तीफा
वर्ष 1986 में शाहबानो मामले में राजीव गांधी के रुख से नाराज़ होकर आरिफ मोहम्मद खान ने कांग्रेस पार्टी और अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह तीन तलाक कानून के खिलाफ थे और राजीव गांधी से कई स्तरो पर उऩका मतभेद भी था।
AMU से निकाल दिया गया था
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ( AMU ) में स्टूडेंट यूनियन की राजनीति के दौरान आरिफ मोहम्मद खान अक्सर सुर्खियों में रहे। उन्होंने कैंपस में मुस्लिम धर्म गुरुओं के आने पर रोक लगा दी। एक वर्ग ने इसका तीखा विरोध भी किया और उस वक्त खासा हंगामा हुआ था। बाद में उन्हें AMU से निकाल दिया गया था।
26 साल की उम्र में बन गए थे विधायक
छात्र राजनीति के बाद आरिफ मोहम्मद खान सक्रिय राजनीति में उतरे और महज 26 साल की उम्र में जनता पार्टी के टिकट पर बुलंदशहर के स्याना से चुनाव जीतकर विधायक बन गए। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए। वीपी सिंह और राजीव गांधी की कैबिनेट में मंत्री भी रहे।
रिपोर्ट: राहुल प्रताप सिंह