जनसुराज के संरक्षक प्रशांत किशोर द्वारा पटना पुलिस गिरफ्तारी और जेल भेजनें के आरोप पर प्रशासन ने अपनी सफाई दी है. सफाई में PK के प्रशासन पर उठाये सवाल कों गलत ठहराया है.
क्या था मामला ?
बता दें की BPSC 70वीं परीक्षा रद्द समेत अपनी पांच सूत्री मांग कों लेकर आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर पटना गाँधी मैदान से विगत सोमवार कों तड़के सुबह पटना पुलिस गिरफ्तार कर ली थी. फिर मेडिकल कराकर कोर्ट लें गयी जहाँ उन्हें जमानत दी गयी थी. जमानत के बाद प्रशांत किशोर प्रशासन ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई तरह के सवाल खड़े किये थे. उसके बाद प्रशासन ने इस मामले पर अपनी सफाई दी है.
Pk ने पुलिस पर लगाया था बिना पेपर के जेल भेजनें का आरोप
पुलिस ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के मुताबिक प्रशांत को बेल बॉन्ड (निजी मुचलका) भरने के बाद बेऊर थाना से छोड़ दिया गया था। प्रशांत किशोर ने जमानत पर निकलने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि उन्हें पुलिस वाले बेऊर जेल तक लेकर गए थे लेकिन उनके पास कोर्ट के आदेश का पेपर ही नहीं था। पीके ने सरकार से सवाल किया था कि उन्हें बिना पेपर के बेऊर जेल भेजने वालों पर क्या कार्रवाई होगी।
प्रशांत किशोर कों बेउर जेल नहीं बेउर थाने लें गयी थी पुलिस – प्रशासन
बता दे की प्रशांत किशोर द्वारा पुलीसिया करवाई पर उठाये गये सवाल पर पटना जिला प्रशासन ने बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि प्रशांत किशोर 25000 के निजी मुचलके पर रिहा किए गए थे। प्रशासन की तरफ से साफ किया गया है कि चूकि कोर्ट में अत्यधिक भीड़ थी इसलिए उन्हें वहां से हटाकर बेऊर ले जाया गया था लेकिन बेऊर जेल नहीं बल्कि बेऊर थाने में ले जाया गया था। भीड़ कंट्रोल करने के लिए प्रशांत को बेऊर थाने में रखा गया था और वहां इंतजार किया जा रहा था कि कोर्ट का लिखित आदेश क्या आता है.