बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए निगरानी विभाग ने मंगलवार देर रात पटना के रूपसपुर थाना में तैनात दो सहायक दरोगा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
क्या था मामला ?
जानकारी के अनुसार निगरानी विभाग को शिकायत मिली थी कि ये पुलिसकर्मी अवैध वसूली में लिप्त हैं, जिसके बाद टीम ने स्टिंग ऑपरेशन कर दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तार दरोगा पर आरोप है की उन्होंने 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह रकम पटना के पुनाइचक इलाके में लोकनायक जयप्रकाश भवन के पास रात के अंधेरे में ली जा रही थी। जैसे ही रकम का आदान-प्रदान हुआ, वहां पहले से तैनात निगरानी विभाग की टीम ने छापेमारी कर दोनों पुलिसकर्मियों को धर दबोचा।
नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी
बता दें की रिश्वत की रकम पटना के पुनाइचक इलाके में लोकनायक जयप्रकाश भवन के पास रात के अंधेरे में ली जा रही थी। निगरानी विभाग की टीम पहले से तैनात थी जैसे ही रकम का आदान-प्रदान हुआ, वहां पहले से तैनात निगरानी विभाग की टीम ने छापेमारी कर दोनों पुलिसकर्मियों को धर दबोचा।
जाँच में दोषी पाये गये दरोगा
डीएसपी पांडेय ने पूरे मामले की सत्यता की जांच की और शिकायत को सही पाया। इसके बाद उन्होंने एक धावा दल का गठन किया और गुरुवार की रात जब ये दोनों दारोगा शास्त्री नगर स्थित लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल के पास अंधेरे में तुषार पांडेय से रिश्वत की रकम ले रहे थे। उसी वक्त उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों दरोगा से पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार को दोनों को निगरानी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा।