बिहार की राजनीती में आज बड़ी तस्वीर देखने को मिली है. जनसुराज में आज पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने जनसुराज में अपनी पार्टी आसा का विलय कर दिया. इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा की आरसीपी सिंह आज के दूल्हा है. हम दोनों मिलकर नीतीश कुमार के सपनो को पूरा करेंगे. वहीं प्रशांत किशोर ने जदयू पार्टी में बिताए वक्त के दौरान दोनों के बीच रही कड़वाहट पर कहा कि आरसीपी सिंह के खिलाफ कभी बयान नहीं दिया है.
नीतीश कुमार के विचार जनसुराज में है – प्रशांत किशोर ( संरक्षक, जनसुराज )
प्रेसवार्ता में आगे प्रशांत किशोर ने कहा की नीतीश कुमार का जो विचारधारा है वो हमारी पार्टी में है लोग समय रहते उस पार्टी से निकलकर हमारी पार्टी में आ जाये क्यूंकि अब नीतीश कुमार अब मानसिक सक्षम नहीं है निर्णय लेने की क्षमता नहीं है जदयू को वैसे नेता चला रहे है जिनका खुद का कोई जनाधार नहीं है.
कौन है आरसीपी सिंह, जिनकी कभी जदयू में तूति बोलती थी.
आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के तौर पर भी इन्होंने लम्बे समय तक काम किया है। नीतीश कुमार के कहने पर राजनीति में कदम रखा सीएम नीतीश ने जदयू में बड़ी जिम्मेवारी दी. जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया हालांकि नीतीश कुमार से मतभेद होने के बाद इन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और फिर भाजपा द्वारा दरकिनार किए जाने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी।
कभी सीएम नीतीश के निजी सचिव हुआ करते थे आरसीपी सिंह
1984 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी रहे आरसीपी सिंह. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वह नीतीश कुमार के निजी सचिव रहे, जब नीतीश रेलवे और कृषि मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री थे। नीतीश के 2005 में बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद, सिंह को बिहार वापस लाया गया और उन्होंने गृह विभाग और कैबिनेट सचिवालय में प्रधान सचिव के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।