बिहार की सियासत में एक मांग जोर पकड़ चुकी है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र के लिए एक अलग राज्य बना दिया जाएं. ये मांग आम जनता से नहीं मुस्लिम हितैषी बनने के लिए दो नेताओं मे मची होड़ से निकली है.
पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने कहा है कि इस इलाके के साथ अगर सौतेला व्यवहार होता रहा तो लोग अलग सीमांचल राज्य की मांग करने लगेंगे।अभी उत्तर प्रदेश को तीन राज्य में बांटने की बात है, जल्द ही लोग सीमांचल को भी अलग राज्य बनाने की मांग करने लगेंगे।
आखिर क्यों अहम है सीमांचल?
सीमांचल के अंतर्गत जो भी जिले आते हैं, वह सभी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से सटे हुए हैं। ऐसे में सुरक्षा को लेकर भारत सरकार इन इलाकों में काफी एक्टिव रहती है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, किशनगंज में बांग्लादेशियों का घुसपैठ काफी अरसे से चल रहा है। वही कई बांग्लादेशी परिवार किशनगंज में बस चुके हैं। किशनगंज के 4 प्रखंडों में ज्यादातर बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या है।
सीमांचल क्षेत्र में किशनगंज जिला का मुस्लिम बहुल क्षेत्र है। ऐसे में कुछ लोग यह कयास लगा रहे हैं कि क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश बन जाता है तो लालू यादव और नीतीश कुमार का एक बड़ा वोट बैंक खत्म हो जाएगा। बिहार में मुस्लिम वोट आरजेडी के लिए अहम माना जाता है। इसके अलावा स्थानीय बताते हैं कि ये इलाका बाकी जिलों की तुलना में पिछड़ा है। अब देखना होगा कि इस मांग का असर कितना पड़ता है.