पटना के इस मैदान में कभी दौड़ते थे अंग्रेजो के घोड़े, आज बना है राजनीतिक अखाड़ों का केंद्र …..

कई राजनीतिक बड़े रैलियों का इतिहास समेटकर रखने वाला पटना के इस मैदान का इतिहास आप कितना जानते है. इसी मैदान से जयप्रकाश नारायण के स्वागत में कभी दिनकर ने कविता पढ़ी थी. यही से 1974 में जयप्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति का नारा बुलंद किया था आइए जानते इस मैदान का अपना इतिहास क्या है ?

अंग्रेजी हुकूमत गोल्फ कोर्स के साथ – साथ घुड़दौड़ ट्रैक के रूप में इस्तेमाल करते थे.

हम बात कर रहे है पटना के गांधी मैदान की जो ब्रिटिश हुकूमत के समय (1947 )  के पहले पटना का गांधी मैदान जो कभी बांकीपुर मैदान लॉन के रूप में जाना था. तब इस मैदान में पोलो खेला जाता था. बता दें यह मैदान 60 एकड़ में फैला हुआ है. अंग्रेजी हुकूमत गोल्फ कोर्स के साथ – साथ घुड़दौड़ ट्रैक के रूप में इस्तेमाल करते थे.

पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना के साथ कई बड़े राजनेताओं ने यहाँ भाषण दिया है.

आपको बता दें की पटना की इस ऐतिहासिक गांधी मैदान अंग्रेजी हुकूमत के बाद देश के कई बड़े दिग्गज नेताओं का भाषण का गवाह बना जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री जवाहर लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, राम मनोहर लोहिया, सुभाष चंद्र बोस समेत कई दिग्गज नेताओं ने यहाँ से जनता कों सम्बोधित किया था.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और जिन्ना ने की यहाँ विशाल जनसभा 

आपको जानकारी के लिए बता दें महात्मा गांधी ने ज़ब अपनी चम्पारण सत्याग्रह की शुरुआत की थी उसके बाद इसी मैदान से विशाल जनसभा की थी. वही 1983 में तत्कालीन मुस्लिम लीग के प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना ने कांग्रेस के खिलाफ यही भाषण दिया था . नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी नई पार्टी का ऑरवरड ब्लॉक की पहली रैली यही की थी. आजादी के बाद पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, राम मनोहर लोहिया, अटल बिहारी बाजपेयी समेत कई नेताओं में भाषण दिया है.

मुजफ्फरपुर जिले के एक शिक्षक ने अधिकारियों कों पत्र भेजकर महात्मा गांधी के नाम पर रखने का सुझाव दिया था

साल 1948 से पहले इसे बांकीपुर मैदान या पटना लॉन कहा जाता था. महात्मा गांधी की हत्या के बाद इसका नाम बदलकर गांधी मैदान रख दिया गया. सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक इस मैदान का नाम बदलने का अनुरोध मुजफ्फरपुर जिले के एक शिक्षक ने अधिकारियों को पत्र भेजकर महात्मा गांधी के नाम पर रखने का सुझाव दिया था. साल 2013 मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा यहां महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई गई.

लालू राज में रैलियों का रेला

मंडल आयोग की सिफारिशों को लेकर देश की राजनीति ने करवट ली तो 1991 में तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद ने गांधी मैदान में मंडल रैली की। वीपी सिंह, चंद्रशेखर, एसआर बोम्मई जैसे दिग्गजों के अलावा मौजूदा सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद थे। रैली की सफलता के बाद लालू पिछड़ों के हीरो हो गए। गरीब महारैला किया जो संख्या बल के लिहाज से ऐतिहासिक रहा। लालू नेशनल हीरो हो गए।