कंटेंट क्रिएट करने में हैशटैग और न्यू मीडिया के इस्तेमाल पर छात्रों को दी गई जानकारी

रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय

आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में विकास संचार के अंतर्गत सहभागी संचार: सह-निर्माता के रूप में युवा विषय पर व्याख्यान का आयोजन विभागीय विद्यार्थियों के लिए एसजेएमसी के सभागार में किया गया. विकास संचार की विशेष जानकर डॉ. स्मृति अतिथि वक्ता के रूप में उपस्थित रही.

डॉ स्मृति ने युवाओं का विकास संचार में सहभागिता और कंटेंट क्रिएशन में समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों से जोड़ते हुए ढेर सारी अकादमिक और सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा किया. कंटेंट क्रिएट करने में हैशटैग और न्यू मीडिया के इस्तेमाल पर भी कई देशी विदेशी केस स्टडी को उदाहरण के तौर पर समझाते हुए उन्होंने विस्तार से गंभीर विषयों पर युवाओं की सहभागिता को बताया. समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने में शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षित युवाओं के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्होंने विकासात्मक संचार की उपयोगिता को बताया. इस दौरान विद्यार्थियों से उन्होंने उनकी सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर सवाल किया और समाज के गरीब तबके को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायद में मास कम्युनिकेशन की भूमिका पर प्रकाश डाला.

डॉ मनीषा प्रकाश ने बताया कि विकास संचार का मास कम्युनिकेशन जगत में महत्वपूर्ण स्थान है. विकास संचार के अध्ययन से समाज के प्रत्येक तबके को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए अपनी जिम्मेदारी का एहसास होता है.ऐसे में यह विषय बेहद जिम्मेदारीपूर्ण है और समाज के लिए सीधा लाभदायक साबित होने वाला है. इसलिए आज के मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों को इसे विस्तार से पढ़ने और समझने की जरूरत है.

इस दौरान विभाग के शिक्षक डॉ स्नेहाशीष वर्धन, डॉ संदीप कुमार, डॉ संदीप कुमार दुबे सहित विभिन्न सत्रों के विद्यार्थियों के अलावे विभागीय कर्मचारी भी मौजूद रहें.