जीतनराम मांझी का दावा – दस सालों में गया को बना देंगे नोएडा

रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बड़ा दावा किया है. मांझी ने कहा दस साल में गया को नोएडा बना देंगे. मांझी के इस दावे की जमीनी हकीकत मुंगेरी लाल के सपने साबित हो सकते है. गया जिला आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है उस स्थान को दस साल में नोएडा के बराबर खड़ा करना एक सपना जैसा ही हो सकता है.

बिहार की धर्मनगरी गया ऐसे तो देश ही नहीं विदेशों के मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है, लेकिन अंतराष्ट्रीय जगह होने के बावजूद बुनियादी सुविधाएं ना के बराबर है. रहवासी पेयजल और बिजली के लिए हर दिन संघर्ष करते हैं. पर्यटन के लिए सिर्फ हिन्दू और बौद्ध मंदिर और मठ परिसर है. गया शहर में दशकों से एक पुल की मांग पूरा नहीं हो सकी है. ऐसी कई कमियां हैं जो मांझी के दस साल के सपनों को चकनाचूर कर सकती हैं.

गया जैसे अंतराष्ट्रीय जगह की ऐसी दुर्गति के लिए सिर्फ जीतनराम मांझी ही नहीं भाजपा और राजद के जनप्रतिनिधि भी कसूरवार हैं. जीतनराम मांझी ने भाजपा और राजद के जनप्रतिनिधि से ज्यादा काम करके दिखाया है. मुख्यमंत्री काल में मांझी गया का कायाकल्प करने में लगे थे, अगर उस वक़्त मांझी कुछ दिन सीएम रह जाते, गया जिला नोएडा तो नहीं लेकिन नालंदा से आगे रहता है. वर्तमान समय में भी पूर्व के कई सांसदों की तुलना में लोग जीतनराम मांझी के संसदीय कार्य की सराहना कर रहे हैं. कई पूर्व सांसदों ने तो पांच साल ये बोलने तक की हिम्मत नहीं की कि गया का विकास करेंगे. यही नहीं बिहार के जीते अन्य 39 सांसद भी अपने क्षेत्र में मांझी से कम ही एक्टिव नजर आते हैं.

बहरहाल जीतनराम मांझी इन सपनो के साथ ये लाइन जरूर कहते होंगे.

“कांटों भरे रास्ते पर चलने के लिए जज्बा चाहिए”
“कोई साथ ना हो ,अकेले चलने के लिए हौसला चाहिए”