रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय
दरभंगा के जिरात गांव में वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या की गुत्थी सुलझ गयी है. बिहार पुलिस ने ये दावा किया है. मुकेश सहनी के पिता सूद पर पैसे का लेन-देन करते थे इसलिए हत्या हुई है.
बिहार पुलिस ने कहा है कि जीतन सहनी हत्याकांड का सफल उद्भेदन कर लिया गया है. दरभंगा जिला के घनश्यामपुर थाने के जिरात गांव में हुई इस घटना के मुख्य आरोपी काजीम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने कहा कि पैसे के लेन-देन को लेकर हुए विवाद में जीतन सहनी की हुई थी हत्या. मुख्य आरोपी ने इस घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर लिया है.
दरभंगा पुलिस ने बताया है कि काजीम अंसारी ने मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी को अपनी जमीन गिरवी कर 4 परसेंट प्रति महीने के ब्याज पर लोन लिया था. उसी पैसे को नहीं चुका पाने के कारण उसने हत्या की है. काजिम अंसारी ने मृतक से 3 किश्त में डेढ़ लाख का लोन 4% मासिक ब्याज दर पर लेकर अपनी ज़मीन गिरवी रखी थी. उस पैसे को चुकाने में वह सक्षम नहीं हो रही थी.
दरभंगा पुलिस के मुताबिक घटना की रात्रि में लगभग डेढ़ बजे काजिम और उसके साथियों ने घर के पीछे के दरवाजे से प्रवेश किया। दरवाजा में अंदर का लॉक नही है. घर में घुसने के बाद अभियुक्तों ने जीतन सहनी को जगाया औऱ डरा धमका कर अपनी जमीन और लोन के कागज़ात मांगे. परन्तु मृतक ने उल्टा गाली देना शुरू कर दिया. इस पर काजिम ने गुस्से में आकर मृतक पर ताबड़तोड़ चाकू से वार करना शुरू कर दिया. उसके बाकी साथियों ने जीतन सहनी के हाथ पैर पकड़ कर रखे.
पुलिस के मुताबिक हत्या करने के बाद अभियुक्तों ने कागज़ात वाली अलमारी की चाबी ढूंढने की कोशिश की ताकि अपने कागज़ात वापस ले जा सकें. परन्तु चाबी नही मिली. इस पर अभियुक्तों ने निर्णय लिया कि अलमारी को बन्द अवस्था मे पानी मे फेंक दें ताकि सभी काग़ज़ गलकर नष्ट हो जाएं. सभी लोग ने मिलकर लकड़ी की अलमारी को घर के पीछे स्थित छोटे से तालाब में फेंक दिया और वहाँ से फरार हो गए. काजिम अंसारी ने अपने जिन साथियों के नाम बताए हैं उनके विषय मे जांच की जा रही है.