रिपोर्ट: सुजीत पाण्डेय
पलायन और उग्रवाद की समस्या से गया जिला काफी पिछड़ गया है. तत्कालीन केंद्र सरकार में मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान ने बिहार में दो स्टील प्लांट की स्थापना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसमें से एक गया के वजीरगंज में बनाया जाना था. हैरानी की बात है की एक दशक से अधिक बीतने के बाद भी इस स्टील प्रोसेसिंग यूनिट में एक ईंट नहीं लगी है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्रीय इस्पात मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी को पत्र लिखकर फिर से इस मुद्दे को उठाया है और मांग की है कि एरु स्टील प्लांट को चालू किया जाए.
पार्टी के प्रवक्ता नंदलाल मांझी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि जल्द ही इस दिशा में सकारात्मक पहल होगी और गया के सांसद जीतन राम मांझी के प्रति आभार जताया है।
बता दे 2008 में केन्द्र सरकार ने गया के वजीरगंज प्रखंड अंतर्गत एरु में स्टील प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का निश्चय किया था व इसके लिए 200 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया। भूमि पूजन भी हुआ व चहारदीवारी बनने का टेंडर भी हुआ, लेकिन आज सूबे की सरकार की इच्छाशक्ति की कमी के कारण इसे अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका।
गया से लगभग 25 किमी पूरब वजीरगंज में एरु गांव है। 2008 में तीन दिसम्बर को तत्कालीन केन्द्रीय इस्पात व उर्वरक मंत्री रामविलास पासवान ने यहां स्टील प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भूमि पूजन किया था। यह यूनिट 27.3 एकड़ में प्रस्तावित है व 2.30 करोड़ रुपए से भूमि का अर्जन स्टील अथोरिटी आॅफ इंडिया(सेल) ने किया था।
यूनिट में काम शुरू नहीं होने का मामला 15 दिसंबर 2011 को राज्यसभा में लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान ने राज्यसभा में उठाया था। उन्हें संबंधित विभाग के मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने कहा कि बिहार सरकार ने एनओसी नहीं दिया है। कृषि भूमि को औद्योगिक भूमि में परिवर्तित कर उसके स्वरुप को 2013 में बदला गया।
इस यूनिट में एक लाख यूनिट(थर्मो मेकेनिकली ट्रीटेड) टीएमटी के निर्माण का प्रस्ताव है। टीएमटी का उपयोग सिविल निर्माण कार्य में किया जाता है। भारत में गया के अलावा बिहार के दो अन्य जगहों पर प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का प्रस्ताव था । इनमें से एक का काम पूरा हो चुका है और उत्पादन हो रहा है।