रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्या मामले में अपना फैसला सुना दिया है. इस मामले में लालगंज से पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला समेत दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. जबकि इस केस में पूर्व सांसद सूरज भान सिंह समेत छह आरोपियों को बरी कर दिया है. दोनों दोषियों को 15 दिन के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए हैं.
कब हुआ बृज बिहारी प्रसाद की हत्या
13 जून 1998 को दिन – दिहाड़े पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या राजधानी पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कर दी गई थी। उस वक्त कड़ी सुरक्षा के बीच बृज बिहारी प्रसाद इस अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे। अपराधियों ने एके-47 से गोलियां बरसाकर बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड के बाद बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी ने लालू परिवार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इस मामले पूर्व सांसद सूरजभान सिंह सिंह समेत 7 लोग बड़ी
पूर्व सांसद सूरजभान सिंह, पूर्व विधायक राजन तिवारी, मुकेश सिंह ,ललन सिंह, कैप्टन सुनील, राम निरंजन चौधरी और शशि कुमार राय (अब जीवित नहीं) को पुख़्ता सबूत नहीं मिलने का कारण बरी कर दिया है।
बीजेपी सांसद रही ही है बृज बिहारी प्रसाद पत्नी रमा देवी
बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी रमा देवी बीजेपी से सांसद रही हैं। उन्होंने और सीबीआई दोनों ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसको लेकर कोर्ट ने दो लोगों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है।
पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद और मुन्ना शुक्ला के बीच पुरानी अदावत चलती थी
पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद और मुन्ना शुक्ला के बीच पुरानी अदावत चल रही थी, जहां मुन्ना शुक्ला बृज बिहारी प्रसाद को अपने दो बड़े भाई कौशलेंद्र कुमार शुक्ला उर्फ छोटन शुक्ला और अवधेश कुमार शुक्ला उर्फ भुट्कुन शुक्ला की हत्या का जिम्मेदार मानते थे। वहीं विधायक देवेंद्र दुबे हत्याकांड में भी बृज बिहारी प्रसाद की संलिप्तता मानी जा रही थी।