पीएम मोदी के सामने झुके नीतीश, छूने लगे दोनों हाँथ से पैर ….

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर राजनीतिक सुर्खियों में आ गए है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज दरभंगा में एम्स के शिलान्यास पर बिहार आये थे. कार्यक्रम में सीएम नीतीश भी मौजूद थे तभी कार्यक्रम के मंच पर कुछ ऐसा हुआ, जिसकी सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। 

क्या है हुआ था मंच पर ?

दरअसल दरभंगा के शोभन में प्रधानमंत्री एम्स के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना संबोधन खत्म करके वापस अपनी जगह जा रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पीएम मोदी के पैर छूने की कोशिश की, हालांकि पीएम मोदी ने फौरन उन्हें पैर छूने से रोक दिया। इस दौरान नीतीश कुमार के इस व्यवहार से पीएम मोदी भी आश्चर्यचकित नजर आए हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रोक लिया।  

पहले भी नीतीश ने पीएम मोदी के पैर छुए थे 

बता दें कि यह कोई पहली घटना नहीं है जब नीतीश ने मोदी के पैर छूए। इसी साल लोकसभा चुनाव में एनडीए की जीत के बाद जब दिल्ली में गठबंधन के संसदीय दल की बैठक आयोजित की गई थी, तो सीएम नीतीश भी उसमें शामिल हुए थे। उस बैठक में नीतीश ने पीएम मोदी के पैर छुए थे, उस पर सियासी गलियारों में काफी चर्चा हुई थी।

नीतीश कुमार बिहार में सुशासन लाए और ‘जंगलराज’ को खत्म किया – पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने दरभंगा में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र में मेरी और बिहार में नीतीश सरकार मिलकर बिहार के सपनों को पूरा कर रही है। केंद्र में उनकी सरकार और बिहार में नीतीश कुमार की सरकार मिलकर इस प्रदेश के हर सपने को पूरा करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यहां यह भी कहा कि नीतीश कुमार बिहार में सुशासन लाए और ‘जंगलराज’ को खत्म किया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला रखी और कहा कि हमारी कोशिश है कि हमारी विकास और जन कल्याण योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ बिहार के लोगों को मिले।

नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार ने सुशासन का जो मॉडल विकसित करके दिखाया गया है, वह अद्भुत है – पीएम मोदी 

पीएम मोदी ने इस मौके पर 12,100 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा, ‘नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार ने सुशासन का जो मॉडल विकसित करके दिखाया गया है, वह अद्भुत है। बिहार को ‘जंगलराज’ से मुक्ति दिलाने में उनकी भूमिका की जितनी सराहना की जाए, वह कम है।’