113 साल का हुआ अपना बिहार, CM नीतीश ने दी बधाई, जानिए क्या है इतिहास ..

अपना बिहार आज 113 साल का हो गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार दिवस के अवसर पर बधाई दिया है. बिहार ज्ञान, विज्ञान, धर्म और अध्यात्म का संगम अपने प्रदेश की राजधानी रही है। बंगाल से 113 साल पहले 22 मार्च को बिहार-ओडिसा प्रांत की राजधानी बनी.

CM नीतीश ने बिहार दिवस की दी बधाई

नीतीश कुमार ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, ”बिहार दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. बिहार का इतिहास गौरवशाली है और हम वर्तमान में अपने निश्चय से बिहार का गौरवशाली भविष्य तैयार कर रहे हैं. विकसित बिहार के सपने को साकार करने में भागीदारी के लिए मैं आप सभी का आह्वान करता हूं. हम सब मिलकर बिहार के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे.”

पहला बिहार दिवस 2010 में मनाया गया था

113 वर्ष पूर्व 22 मार्च कों इसी दिन बिहार और उड़ीसा को बंगाल से अलग करके एक नया राज्य बनाया गया था। पहला बिहार दिवस 2010 में मनाया गया था। इस दिन बिहार में सार्वजनिक अवकाश होता है। पूरे राज्य में बिहार दिवस को सांस्कृतिक कार्यक्रमों, परेड और अन्य कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।

बिहार अपने कई धरोहर को समेट कर रखा है 

बिहार प्राचीन काल से ही भारतीय सभ्यता, शिक्षा और राजनीति का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से लेकर चाणक्य और सम्राट अशोक तक, इस धरती ने अनेक ऐतिहासिक हस्तियों को जन्म दिया है. 

बिहार की संस्कृति की पुरे देश मे है अलग पहचान 

बिहार की गौरवशाली विरासत ने सदियों से पूरी दुनिया को ज्ञान, संस्कृति और शासन की दिशा में मार्गदर्शन किया है. आधुनिक बिहार भी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक पहचान को संजोए हुए है, जहां मिथिला पेंटिंग, लोकगीत, छऊ नृत्य और भोजपुरी संस्कृति इसकी सांस्कृतिक धरोहर के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं.

शिक्षा के क्षेत्र में पूरी दुनिया में बजा डंका 

आज दुनिया के अधिकांश देशों में शासन का डेमोक्रेटिक सिस्टम है। इसकी शुरुआत भी बिहार से ही मानी जाती है। दुनिया के बहुत से हिस्सों में जब लोग पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते थे, उस समय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय इसी राज्य में था।

”उन्नत बिहार, विकसित बिहार” इस वर्ष का है थीम 

बिहार दिवस की इस साल की थीम है- ”उन्नत बिहार, विकसित बिहार”। इस थीम के तहत राजधानी पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर समेत लगभग सभी जिलों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। बिहार सरकार ने 22 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय और व्यवसाय बंद रहते हैं।