रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
बिहार के अरवल में सोमवार को माले नेता सुनील चंद्रवंशी की हत्या कर दी गई थी. वहीं इस हत्या की जिम्मेवारी माओवादियों ने ली है. नक्सलियों ने इसको लेकर अरवल के देवी मंदिर परिसर में पर्चा चिपका कर इसकी जानकारी दी है. पर्चे में लिखा गया था कि सुनील चंद्रवंशी की हत्या, अपराधी या गुंडे ने नहीं. उसकी हत्या संगठन के लोगों ने की है.
पुरे बिहार में अपराधी बेखौफ़ है – माले
बता दें कि अरवल में हत्या के विरोध में माले के दर्जनों कार्यकर्ता पार्टी ऑफिस से जुलूस निकालकर डीएम ऑफिस पहुंचे. जहां सभी ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान माले नेताओं ने कहा कि बिहार में जल्लाद राज आ गया है. पूरे बिहार में अपराधी बेखौफ होकर हत्या, लूट, बलात्कार की घटनाओं को लगातार अंजाम दे रहे हैं. नक्सली खुले तौर पर नेता की हत्या कर दे रहे है. लेकिन नीतीश और भाजपा की सरकार इस पर रोक लगाने में पूरी तरह से विफल है.
भाकपा माओवादीयों ने ली हत्या की जिम्मेवारी
पर्चा साटे जाने की सूचना मिलते ही इमामगंज थाने की पुलिस मौके को पहुंची। पुलिस ने पर्चे को जब्त कर लिया और इस संबंध में केस दर्ज किया गया है। इस पर्चे में हत्याकांड की जिम्मेदारी लेते हुए कहा गया है कि सुनील चंद्रवंशी उर्फ दिनकर की हत्या अपराधियों एवं गुंडा तत्वों के द्वारा नहीं बल्कि भाकपा माओवादी के द्वारा की गई है। नक्सली संगठन के द्वारा आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सुनील ने पुलिस की मुखबिरी करते हुए इमामगंज लोदीपुर निवासी लालदेव महतो के खलिहान में रखे सात हथियारों को पकड़वाया था। इससे नक्सली संगठन को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
सरेंडर नहीं करने पर मजबूरन हत्या करनी पड़ी – माओवादी
पर्चे में आगे लिखा है कि माले नेता ने पार्टी फंड के 32 लाख रुपये का उपयोग निजी संपत्ति बनाने में किया था। पार्टी के द्वारा गदोपुर गांव समेत अन्य जगहों पर जब्त की गई जमीन को पैसा लेकर बेचवाने का काम किया गया था। पार्टी के हथियारों को गुंडा, चोर और दलालों को देकर संगठन को बर्बाद करने में भूमिका निभाई गई। इन सभी आरोपों के बाद पार्टी के द्वारा सुनील चंद्रवंशी को सरेंडर करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया जिस कारण मजबूरन उनकी करनी पड़ी।
हत्या के विरोध में सीपीआई माले ने निकाला विरोध मार्च
इस हत्याकांड के बाद सीपीआई माले के द्वारा बुधवार को अरवल बंद बुलाया गया और बिहार के विभिन्न जिलों में विरोध मार्च भी निकाला गया।