रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
चुनावी प्रबंधन करके कई नेताओ को सत्ता की कुर्सी पर बैठाने वाले प्रशांत किशोर को आप कितना जानते है ? चुनावी रणनीतिकार से चर्चित हुए प्रशांत किशोर कौन है ? कैसे बने प्रशांत किशोर से pk ? कहा के रहने वाले है क्या करते है आइए जानते है .
बिहारी है हैं प्रशांत किशोर.
प्रशांत किशोर बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले है. किशोर का जन्म 1977 में बिहार के रोहतास जिले के कोनार गाँव में हुआ था. प्राम्भरिक शिक्षा बिहार के बक्सर जिले में हुई. इसके बाद वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए बिहार से बाहर चले गए. इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद प्रशांत अमेरिका से मास्टर्स की डिग्री हासिल की. पढ़ाई पूरी होने के बाद प्रशांत किशोर संयुक्त राष्ट्र ( UN ) में कुछ समय के लिए काम किया.
राजनीति में झुकाव कब हुआ
संयुक्त राष्ट्र ( UN ) में कार्य कर रहे प्रशांत किशोर ने 2011 में अपनी नौकरी छोड़कर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की टीम से जुड़े. इसके बाद राजनीति में ब्रांडिंग का दौर शुरू हुआ. प्रशांत ने 2013 में भारत की पहली राजनीतिक एक्शन कमिटी कहे जाने वाली इंडिया पॉलिटिकल एक्शन कमिटी ( I-PAC ) बनाई और साल 2014 में किशोर ने सिटीजन फोर अकॉउंटेबल गवर्नेस ( CAG ) की स्थापना की.
कैसे बने प्रशांत किशोर से PK ?
प्रशांत किशोर सबसे पहले चर्चा में तब आये ज़ब वे 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार व गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी रणनीतिकार बने. ज़ब 2014 में बीजेपी लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आयी और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब उनकी पहचान पुरे देश में सामने आयी. चुनावी रणनीतिकार से चर्चित हुए प्रशांत किशोर कों लोग PK के नाम से जानने लगे.
2020 मे जन सुराज अभियान की शुरुआत की .
प्रशांत किशोर ने अपने जन सुराज अभियान की शुरुआत 2020 में की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारतीय राजनीति में सुधार लाना है। साथ ही प्रशांत किशोर का दावा है कि अपने इस अभियान की मदद से वह सरकार तक जनता की आवाज को पहुंचाने की कोशिशों में जुटे हैं। जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर विभिन्न बिहार के सभी जिलों में पंचायत और ब्लॉक स्तर पर पदयात्राएं की है। इसके जरिए बिल्कुल ग्राउंड लेवल पर बिहार के लोगाें से संवाद करने की कोशिश की है। जनता से मुलाकात की है और उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश की है।
कब और किन पार्टियों कों दिलाई चुनाव में सफलता.
- गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र के लिए चुनावी बागडौर संभाला ( 2012 )
- बीजेपी के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार रहे नरेन्द्र मोदी के लिए चुनावी प्रबंधन का जिम्मेवारी उठाया और जीत दिलाई. ( 2014 )
- बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन कों दिलाई जीत. ( 2015 )
- पजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए चुनावी प्रबंधन का काम करके जीत दिलाई ( 2017 )
- आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में जगमोहन रेड्डी के लिए चुनावी प्रबंधन का काम किया और जीत दिलाई ( 2019 )
- दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल के लिए चुनावी प्रबंधन का काम किया और जीत दिलाई ( 2020 )
- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी के लिए चुनावी प्रबंधन का काम किया और जीत दिलाई ( 2021 )
इस तरह से जीत की एक लम्बी फेरिस्त है प्रशांत किशोर की अब देखना यह होगा ये चुनावी प्रबंधन में माहिर प्रशांत किशोर बिहार में अपनी ही पार्टी के लिए कितना सही तरिके से प्रबंध कर पाते है क्या सभी पार्टियां इनके ध्वस्त हो जाएंगी ये तो वक़्त बताएगा.