रिपोर्ट: सुजीत पाण्डेय
रुपौली विधानसभा उपचुनाव का नतीजा कल आएगा. उपचुनाव के नतीजे आने से पहले चुनाव की समीक्षा शुरू हो गई है. अगर बीमा भारती चुनाव जीतती हैं तो यह नीतीश कुमार के गाल पर तमाचा होगा और पप्पू यादव का कद बढ़ जाएगा. अगर जेडीयू के कलाधर मंडल जीत गए तो बीमा भारती का राजनीतिक कैरियर खत्म हो सकता है और इन दोनों के अलावा अगर निर्दलीय शंकर सिंह जीत गए तो क्या होगा? …इस जीत का किंगमेकर किसे कहा जाएगा?
बीमा भारती की हार का बड़ा कारण
बीमा भारती के पति अवधेश मंडल सीमांचल के डॉन कहे जाते हैं, लेकिन इस बार अवधेश मंडल पर बहुचर्चित व्यवसायी गोपाल यादुका हत्याकांड को लेकर वारंट जारी था। लिहाजा, वो पुलिस से बचते रहे और पत्नी के लिए पूरी ताकत नहीं झोंक पाए।
पप्पू यादव की चिट और पट दोनों
वही रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बीमा भारती के लिए जमीन पर कुछ नहीं किया. बीमा भारती को समर्थन देकर बड़ा दांव जरूर खेला, लेकिन साथ ही ये भी कहते रहे कि रुपौली का विकास नहीं हुआ है। ऐसे में विधानसभा उपचुनाव में बीमा भारती की जीत होती है तो वह लालू प्रसाद या तेजस्वी यादव की जीत से ज्यादा ज्यादा पप्पू यादव की जीत मानी जाएगी, लेकिन बीमा हारती हैं तो वह लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की हार मानी जाएगी।
शंकर सिंह क्यों जीतेंगे…
निर्दलीय शंकर सिंह रुपौली विधानसभा उपचुनाव में अच्छी स्थिति में हैं। शंकर सिंह पिछली बार लोजपा के टिकट पर लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। बीमा जीतीं थी। इस बार शंकर सिंह के बारे में एक खास बात यह भी कि उनका चुनाव चिह्न कैंची है। पप्पू यादव जब लोकसभा के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी थे तब उनका चिह्न भी कैंची ही था। बीमा भारती का गंगोता वोट बैंक बंट गया। जेडीयू के उम्मीदवार कलाधर मंडल को भी गंगोता ने वोट किया है। साथ ही मुसलमानों का 50-60 फीसदी वोट निर्दलीय शंकर सिंह की तरफ चला गया।
मुसलमान वोटरों में जो उत्साह दिखना चाहिए वह नहीं दिखा। यहां गंगोता वोट बैंक सबसे ताकतवर है। गंगोता 50-55 हजार की संख्या में हैं। दूसरे नंबर पर मुसलमान 30-40 हजार हैं। शंकर सिंह को राजपूत वोट तो उनकी अपनी जाति की वजह से मिला ही है।
जदयू प्रत्याशी का क्या है हाल
जेडीयू के कलाधार मंडल को अतिपिछड़ा वोट ठीक ठाक मिला है। साथ ही नीतीश कुमार और बीजेपी का कोर वोट भी उनके हिस्से गया है। इसमें वैश्य और महिला का वोट भी है। मंत्री लेसी सिंह ने कलाधार मंडल को जिताने में पूरी ताकत लगाई। उनकी अदावत बीमा भारती से वर्षों पुरानी है। सवर्णों ने शंकर सिंह को वोट किया है।
रुपौली विधानसभा का जातीय समीकरण समझिए
जातीय समीकरण के हिसाब से रुपौली में गंगोंता के करीब 55 हजार वोटर हैं। कुर्मी, कुशवाहा और कोयरी के तकरीबन 40 हजार जबकि वैश्य वोटरों की संख्या 25 हजार के आसपास है। वहीं मुस्लिम यादव और आदिवासी वोटरों की तादाद भी अच्छी खासी है।