रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी पर अपना सुशासन का चेहरा चमकाने में लगे हैं, वहीं बिहार में जहरीली शराब से करीब तीन दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है. जहरीली शराब से हर माह मौतों का सिलसिला जारी है. शासन- प्रशासन इस मामले मे कार्रवाई और मुआवजा से आगे बढ़ता ही नहीं है जिसका परिणाम है की बिहार के हर कोने मे खुलेआम जहरीली शराब बिक रहा है. लोग इसे पीकर मर रहे है.
बता दे सीवान और छपरा जिले के 16 गांवों में जहरीली शराब पीने से 32 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों में 28 लोग सीवान जिले से हैं, इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं. जबकि 4 लोगों की मौत सारण जिले में हुई हैं. यह घटना तब हुई जब स्थानीय बाजार में बिक रही स्प्रिट से बनी शराब का सेवन किया गया. जहरीली शराब पीने से बीमार 50 अन्य लोग जिले और पटना के अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं. इनमें से 11 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है, जिससे उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है.
गौरतलब है की नीतीश सरकार जहां शराबबंदी में अपनी सफलता पर इतराती दिखती है, वहीं विपक्ष राजनीति में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत पर शोक जताने के अलावा कुछ नहीं करता है. बिहार में जहरीली शराब को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन ने 2016 के बाद से सिर्फ दो शब्द ही हैं, बाकी सब भगवान भरोसे है.