रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
इस बार के बजट में जिस तरह से बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष सौगात मिला उस प्रकार से चुनावी राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा को स्पेशल सौगात नहीं मिला.
मोदी सरकार का पहला बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (23 जुलाई) को पेश किया. लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी थीं कि केंद्र सरकार का फोकस चुनावी राज्यों पर कितना रहेगा. हालांकि, बजट में चुनावी राज्यों को लेकर तो कोई खास ऐलान नहीं किया गया.
झारखण्ड कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – सौतेला व्यवहार हुआ है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि झारखंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सौतेलेपन का उदाहरण बनकर रह गया है. यह जनता की आशाओं पर वज्रपात है. झारखंड में लोकसभा चुनाव में मिली हार का बदला बीजेपी ने केंद्रीय बजट के जरिए लिया है.
झारखण्ड को झुनझुना भी नहीं मिला
झारखण्ड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बजट पर कहा कि ये आश्चर्यजनक है कि कुल बजट की सिर्फ एक से दो प्रतिशत राशि का प्रावधान पूरे देश में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किया गया है और बातें उत्पादकता बढ़ाने की कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस बजट में राजनीतिक सहयोग की कीमत चुकाने की विवशता साफ दिखाई पड़ रही है. 2016 से 2022 के बीच 24 लाख उत्पादक कंपनियां बंद हो चुकी हैं. इनके लिए सिर्फ क्रेडिट गारंटी की बात की गई है. कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है. किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सीधे तौर पर बजट में प्रावधान नहीं किया गया है, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो सके. बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया गया है जिससे आम उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिले. बजट के नाम पर झुनझुना भी नहीं दिया गया है.