सेना दिवस के दिन हुआ जन्म, देश के लिए हुए शहीद 

जम्मू -कश्‍मीर में डोडा के घने जंगलों में आतंकी घात लगाकर बैठे थे. आतंकियों को एडवांटेज थी, क्‍योंकि वे पहले से ही वहां छिपे बैठे थे. सेना के जवान जब घटनास्‍थल पर पहुंचे, तो उन पर हमला हो गया. इस हमले में 4 जवान शहीद हो गए हैं और एक जवान गंभीर रूप से घायल है.

मेरे बेटे ने अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा और गंभीरता से निभाया 

4 शहीद जवानों में से एक बलिदानी कैप्टन बृजेश थापा के माता-पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। कैप्टन बृजेश थापा का जन्म 15 जनवरी को सेना दिवस के दिन हुआ था। बलिदानी सैन्य अधिकारी के पिता भी सेना में अफसर रह चुके हैं।

बृजेश थापा बचपन से ही अपने पिता से प्रेरित थे और सेना में जाना चाहते थे

भुवनेश थापा ने कहा कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। बलिदानी कैप्टन के परिजन दार्जिलिंग के लेबोंग में रहत हैं। भुवनेश थापा ने कहा कि यह एक सैन्य अभियान था और ऐसे अभियानों में हमेशा खतरा बना रहता है। उन्होंने आगे कहा कि चाहे कैसा भी खतरा हो, सैन्य कर्मियों को गंभीरता से इनसे निपटना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे ने अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा और गंभीरता से निभाया।’

14 जुलाई को हुई थी आख़िरी बात 

कर्नल थापा के अनुसार कैप्टन बृजेश ने आखिर बार 14 जुलाई को अपने परिवार से फोन पर बातचीत की थी। सोमवार की रात को परिवार को बृजेश के बलिदान के बारे में पता चला।