अब एयरपोर्ट पर मिलेंगे 10 रूपये का पानी 20 रूपये का समोसा , इस एयरपोर्ट से हुई शुरुआत ….

फ्लाइट से यात्रा करने वाले लोगों को पता ही होगा कि एयरपोर्ट पर खाने का आइटम तो छोड़िए सिर्फ चाय-कॉफी और पानी की बोतल खरीदने के लिए भी आम-आदमी को अच्छे-खासे पैसे चुकाने पड़ते हैं. हालांकि, अब आम आदमी को एयरपोर्ट चाय-नाश्ते के लिए अब हजारों खर्च नहीं करने होंगे . सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने उड़ान यात्री कैफे की शुरुआत की है, जहां सिर्फ 10 रुपये में चाय और 20 रुपये में आप कॉफी और समोसा खा सकत हैं.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल हवाई अड्डे ( कोलकत्ता ) से हुई कैफ़े की शुरआत

एविएशन मिनिस्ट्री ने मंगलवार को कहा कि पैसेंजर्स के लिए हवाई यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर उड़ान यात्री कैफे (UDAN Yatri Cafe) का शुभारंभ किया गया है. इसमें पैसेंजर्स को किफायती कीमत पर चाय, कॉफी , पानी समोसा आदि दिया जाएगा.

उड़ान यात्री कैफे (UDAN Yatri Cafe) का मेंन्यु

पानी की बोतल: ₹10
चाय (100 मिली): ₹10
कॉफी (100 मिली): ₹20
समोसा (1 पीस): ₹20
दिन की मिठाई: ₹20

देशभर में किया जाएगा विस्तार – राममोहन नायडू ( नागरिक उड्डयन मंत्री )

उड़ान यात्री कैफे को देश के अन्य प्रमुख हवाई अड्डों तक विस्तारित करने की योजना है. नागरिक उड्डयन मंत्री ने इस पहल को भारत के विमानन क्षेत्र में परिवर्तनकारी कदम बताते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक भारत की विमानन कहानी का हिस्सा बने और इसे गर्व के साथ जश्न मनाए. इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि उड़ान यात्री कैफे के जरिए भारत के विमानन क्षेत्र को न केवल परिवहन के साधन के रूप में बल्कि प्रगति और परिवर्तन के प्रतीक के रूप में पेश किया गया है.

राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा

संसद में एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा उठाते हुए सांसद राघव चड्ढा ने कहा था कि देश के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को अत्यधिक महंगे खानपान और खराब प्रबंधन के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। एयरपोर्ट्स पर पानी की बोतल 100 रुपये की मिल रही है। एक कप चाय के लिए भी 200-250 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। क्या सरकार एयरपोर्ट्स पर सस्ते और उचित मूल्य की कैंटीन शुरू नहीं कर सकती?उन्होंने कहा था, “हमारे एयरपोर्ट्स की हालत अब बस अड्डों से भी बदतर हो गई है। लंबी कतारें, भीड़भाड़ और अव्यवस्थित प्रबंधन के कारण यात्रियों को अपनी यात्रा की शुरुआत में ही निराशा होती है।”