कुर्मी वोटों के जरिए सरयू राय झारखंड के बनेगें मुख्यमंत्री

झारखण्ड विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतीक दल रणनीति बनाने में जुटे हुए है. 2019 के विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास को हराकर एक बड़े नेता के रूप में उभरे सरयू राय ने कुर्मी वोट बैंक पर तीर साध चुके है इसमें उनका साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दे रहे है.

बता दे झारखण्ड प्रदेश में आदिवासी के बाद कुर्मी दूसरा सबसे बड़ा वोट बैंक है, जिसपर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) एवं राज्यस्तरीय दल आजसू की राजनीति परवान चढ़ती रही है।कभी भाजपा के पास भी इस समुदाय से कई बड़े नेता हुआ करते थे, लेकिन पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो एवं रामटहल चौधरी के राजनीतिक अवसान के बाद इस समुदाय से अभी तक एक भी बड़ा प्रतिनिधि नहीं उभर पाया है। अब कुर्मी वोट को सरयू राय अपने पाले में लाना चाहते है इसके लिए उन्होंने कुर्मी समाज के बड़े नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चूना है

1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति का निर्णय कैबिनेट में पारित होने के बाद झारखंड एवं बंगाल में कुर्मी जाति को आदिवासी की सूची में शामिल करने का आंदोलन भी शुरु हो गया है ऐसे में झारखण्ड में नीतीश कुमार की एंट्री कुर्मी समाज और उनकी मांग को बल मिलेगा. नीतीश कुमार अगर इन पर प्रभाव छोड़ दिए तो भाजपा और झामुमो के लिए मुश्किल खड़ा कर देंगे और सरयू राय का राजनीती या कहिए मुख्यमंत्री बनने का राह आसान बना देंगे.

भारतीय जनतंत्र मोर्चा (बीजेएम) के प्रमुख सरयू राय ने रविवार को कहा कि वह झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन करेंगे. रविवार को सरयू राय ने पटना में नीतीश कुमार से मुलाक़ात भी किया है.