रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. आज पूरे देश में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दिन भक्त श्रीकृष्ण के लिए व्रत रखते हैं. धार्मिक मान्यतानुसार, जन्माष्टमी की पूजा मध्यरात्रि में करना सबसे शुभ माना जाता है. इस दिन मंदिरों और घरों में सजावट की जाती है और श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ीं झाकियां लगाई जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी पर विधि पूर्वक पूजन करने से घर में सुख-शांति आती है और सफलता भी मिलती है.
जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त
पूजा के लिए रात 12: 01 मिनट से 12: 45 तक का समय अति शुभ है। इसके अलावा इस तिथि में योगमाया का भी जन्म हुआ था, इस कारण यह दिन साधना के लिए भी बहुत अच्छा दिन है। इस बार काफी साल बाद अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र व वृष राशि के चंद्र में भगवान कृष्ण जन्म लेंगे। भगवान शिव के दिन सोमवार को उनका जन्म होगा.
घर पर पूजा और कृष्ण जन्म की पूरी विधि
ज्योतिषाचार्यों ने कृष्ण जन्माष्टमी पर घर पर पूजन विधि बताई है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि कर साफ वस्त्र धारण करें। भगवान को नमस्कार कर व्रत का संकल्प लें। संकल्प के लिए हाथ में जल, फल, कुश और गंध लें और फिर ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सर्वाभीष्ट सिद्धये श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रतमहं करिष्ये॥ मंत्र का जप करें। इसके बाद बाल रूप भगवान कृष्ण की पूजा करें।स्नान कर पूरब या उत्तर की ओर या मंदिर की दिशा में मुख करके बैठना चाहिए।
नंदलाला कों क्या भोग लगाये
जन्माष्टमी के दिन आप लड्डू गोपाल को माखन, मिश्री, पंजीरी, मालपुआ, खीर, रसगुल्ला, राजभोग, केसर घेवर, पेड़ा, पंचामृत, हलवा आदि का भोग लगाएं.
जन्माष्टमी 2024 पारण समय
जो लोग आज जन्माष्टमी का व्रत हैं, वे लोग देर रात 12:45 बजे तक लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाकर पारण कर लें. पारण करके जन्माष्टमी के व्रत को पूरा कर लें. इसके अलावा जन्माष्टमी व्रत के पारण का समय कल 05:57 बजे के बाद और रोहिणी नक्षत्र के समापन के बाद दोपहर में 03:38 बजे से भी है. लोक मान्यता के अनुसार, गृहस्थ लोगों को आज देर रात 12:45 बजे के बाद पारण कर लेना चाहिए.