रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
उपचुनाव को लेकर बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इसी हलचल के बिच में बिहार में एक राजनीतिक घटना घटी है हुआ ये क़ी लोजपा पारस गुट के नेता पूर्व विधायक सुनील पाण्डेय आज पारस कों छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले थें सब तैयारी हो गयी थी पर एन वक़्त पर कुछ ऐसा हुआ क़ी वों बीजेपी के सदस्यता नहीं लें पाए.
क्यों नहीं लें पाये सुनील पाण्डेय बीजेपी क़ी सदस्यता
बता दे भोजपुर की तरारी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले है यहाँ से पूर्व में विधायक रह चुके नरेंद्र कुमार पांडेय उर्फ सुनील पांडेय की आज (16 अगस्त) भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा जोरों पर थी. मिलन समारोह के प्रोग्राम रद्द होने की सूचना सुनील पांडे ने अपने मुख्य नाम नरेंद्र कुमार पांडे से बने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करके दी है जिसमें लिखा गया है कि ‘16.08.2024 बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के कार्यालय, पटना में अनुपस्थिति के चलते मिलन समारोह समय विस्तारण की गई है तथा नई तिथि शीघ्र ही घोषित की जाएगी. सभी कार्यकर्ताओं को अगले कार्यक्रम की सूचना समय पर दी जाएगी.
बीजेपी कों नहीं थी कार्यक्रम क़ी सुचना
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश कुमार सिंह ने कहा कि सुनील पांडे के बीजेपी में ज्वाइन करने की सूचना दो दिन पहले से मिल रही है, लेकिन उसको लेकर मिलन समारोह का प्रोग्राम की जानकारी हम लोग को नहीं दी गई थी. आज शुक्रवार को ऐसी कोई भी प्रोग्राम बीजेपी कार्यालय में नहीं है और ना ही प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पटना से बाहर गए हैं वह पूरे दिन आज प्रदेश कार्यालय में ही रहे हैं.
कौन है बाहुबली सुनील पाण्डेय
सुनील पांडे अपनी दबंग छवि के लिए क्षेत्र में चर्चित हैं। वे भूमिहार जाति से आते हैं. उनकी गिनती बाहुबली नेताओं में होती है. चर्चित आरा कोर्ट बम धमाके में उनका नाम आया था, हालांकि सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. इससे पहले वे चाकूबाजी, रंगदारी, हत्या समेत कई आपराधिक मामलों में जेल गए. उनके गुट की रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया से भी अदावत रही. यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की हत्या के लिए उन्होंने लंबू सिंह नाम के अपराधी को 50 लाख रुपये की सुपारी तक दी थी, इस केस में वे कुछ महीने जेल में भी रहे। इसी लंबू सिंह को आरा कोर्ट बम ब्लास्ट में फांसी की सजा सुनाई गई है। 2015 में हुए इस बमकांड में दो लोगों की मौत हो गई थी।