सम्राट चौधरी के मुरैठा खोलते ही खत्म हुआ ये सियासी नाटक

बिहार में राजनीतिक घटनाक्रम कब घट जाए ये राजनीती के पंडित को भी नहीं पता रहता है, लेकिन आज कोई राजनीतिक घटना घटित नहीं हुई बल्कि राजनीतिक नाटक का अंत हुआ है. बिहार की राजनीतिक घटना का अंत उत्तरप्रदेश की सरयू नदी में हुआ.

22 माह के बाद बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या पहुंचकर अपना मुरेठा उतारा. 3 जुलाई की सुबह डिप्टी सीएम ने पहले सरयू नदी में डुबकी लगाई और उसके बाद अपना मुरेठा उतारकर इसे भगवान श्री राम के चरणों में समर्पित कर दिया.

दरअसल, सम्राट चौधरी ने प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कहा था कि ये मुरेठा उन्होंने एक संकल्प के तहत बांध रखा है और इसे वह तभी खोलेंगे जब नीतीश कुमार को सत्ता से हटा देंगे. हालांकि यह मुरेठा 2023 में अपनी मां की मौत के बाद तब बांधा था जब बाल छिलवाए थे. इसके बाद से वह इसे बांधते रहे. फिर उन्हें कुछ दिन बाद प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली और इसके बाद उन्होंने मुरेठा के साथ बीजेपी को विजयी बनाने और नीतीश कुमार को हटाने का संकल्प जोड़ दिया था.

बहरहाल सम्राट चौधरी के इस राजनीतिक नाटक से बिहार की राजनीति पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. अगर सम्राट नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटाकर ये मुरैठा खोलते तो आज पूरे बिहार में उनकी चर्चा होती.

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने कमेंट में लिखा है ये नाटक बिहार के धार्मिक स्थलों पर हो सकता था. एक ने लिखा मुरैठा को और एक साल रख लेते क्या पता बन जाते मुख्यमंत्री. एक यूजर्स ने लिखा ये पूरा कार्यक्रम बिहार में होना चाहिए था. हमारे यहां के स्थलों का ब्रांडिंग कौन करेगा. एक ने लिखा मुरैठा से भी कुशवाहा वोट नहीं मिला.