रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय
कोई भी लोकतंत्र तभी जीवंत रह सकता है जब नागरिक समाज और मीडिया की उचित भागीदारी उसमे हो. नागरिक को जागरूक बनाने में स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय मीडिया का होना अनिवार्य है. उक्त बातें डॉ. विनीत कुमार ने मगध विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित व्याख्यान में कहीं.
‘मंडी में मीडिया’ और ‘मीडिया और लोकतंत्र’ जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखक और मीडिया क्रिटिक विनीत ने जनमत को आकार देने में मीडिया की भूमिका और लोकतंत्र पर इसके प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए एक नियामक निकाय की आवश्यकता पर प्रकाश डाला कि मीडिया सामग्री दर्शकों के पक्ष में है न कि केवल व्यावसायिक लाभ के लिए.
लोकतंत्रीकरण पर बात करते हुए विनीत जी ने कहा कि आज के दौर में इंटरनेट मीडिया के लिए सामग्री की एक विस्तृत शृंखला तक पहुंच प्रदान करता है। जीडीपी, वेब पोर्टल, स्व-विनियमन आदि विषयों के संदर्भ भी इस बातचीत में शामिल रहे. अनेक देशी-विदेशी मीडिया विद्वानों के हवाले से विनीत जी ने मीडिया के समक्ष उपस्थित वर्तमान चुनौतियों और संभावनाओं को रेखांकित किया.
इस मौके पर पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के प्रभारी प्रो. पीयूष कमल सिन्हा, समन्वयक और संचालक डॉ. परम प्रकाश राय, उ.प्र. उपशिक्षा निदेशक डॉ. अजित सिंह, डॉ कुणाल किशोर के अतिरिक्त अमन्तोष, शिवानी, सोनू, उत्तम आदि तमाम विद्यार्थी और शोधार्थियों ने सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई.