बिहार विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन के दलों में आगे बढ़ने की होड़ मची हुई है. राजद, कांग्रेस और वीआईपी के बाद वाम दल यात्रा कार्यक्रम से दूर थे लेकिन चुनाव के पहले अपनी ताकत दिखाने के लिए भाकपा माले 11 से 27 जून तक पूरे बिहार में बदलो सरकार – बदलो बिहार यात्रा निकालेगी. यह यात्रा राज्य के चार मुख्य इलाकों में होगी, जिसमें शाहाबाद क्षेत्र, मगध क्षेत्र, सारण-चंपारण क्षेत्र और मुजफ्फरपुर से दरभंगा तक का क्षेत्र रहेगा. आज इसकी शुरुआत गया जिले के बाराचट्टी विधानसभा से हुई है.
बाराचट्टी विधानसभा के सोभ बाजार में भाकपा माले द्वारा आयोजित बदलो सरकार बदलो बिहार जनसंवाद को संबोधित करते हुए माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि सावधानी हटी, दुर्घटना घटी – बिहार ऐसे ही एक खतरनाक मोड़ पर खड़ा है जहां हमें पूरी तैयारी व सावधानी की जरूरत है। हमें नई ऊर्जा और पुराने अनुभव की जरूरत है। हमारी पार्टी जनता की ताकत से बनी है। विचारों पर चलती है और संघर्ष के बदौलत अपने को स्थापित करती है। गया जिले में भी भाजपा और उनके सहयोगी मांझी जी को उसी तरह से बाहर कर देना है जैसा कि हमने अरेंजमेंट में पिछले लोकसभा चुनाव में किया है।
गया जिले में भी भाकपा माले को जहानाबाद व अरवल की तरह सीट मिलेगी तो पूरे गठबंधन को भारी फायदा होगा और ज्यादा सीटों पर जीत होगी।
वंदना प्रभा ने कहा कि चुनाव जब नजदीक आया है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उनके मंत्री बिहार में महिला संवाद कर रहे हैं। उनको इस सवाल का जवाब देना होगा कि अपने पूरे शासनकाल में उन्होंने महिलाओं के लिए किया क्या है।
यात्रा में महिलाओं की भी हुई उत्साहपूर्ण भागीदारी
कार्यक्रम में बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों-पंचायतों से आयी महिलाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी भी गौर करने लायक थी। रीता वर्णवाल, वंदना प्रभा व शीला वर्मा आदि महिला नेताओं ने संवाद को संबोधित भी किया।
बाराचट्टी विधानसभा मे क्यों हुई बदलो सरकार – बदलो बिहार यात्रा
बाराचट्टी गया जिले में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा क्षेत्र है. जिला मुख्यालय से लगभग 45 किमी से दूर स्थित है. झारखंड सीमा से मात्र 25किमी की दूरी पर है. बाराचट्टी विधानसभा नक्सली प्रभावित क्षेत्र है। आज भी यहां नक्सलियों के एक आह्वान पर पूरे बाराचट्टी विधानसभा में लॉकडाउन जैसे स्थिति दिखती है.
बाराचट्टी विधानसभा मे रोचक रहा मुकाबला
2020 का विधानसभा चुनाव रोचक रहा जिसमें शीर्ष चारों प्रत्याशी महिलाएं थीं. जीतनराम मांझी की पार्टी ‘हम’ की ज्योति देवी ने राजद की समता देवी को 6,318 वोटों से हराया था। बाराचट्टी विधानसभा की वर्तमान विधायक ज्योति मांझी है जो केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी की समधन और मंत्री संतोष सुमन की सास है.
1990 में आईपीएफ की चुनावी जीत और धनेश्वर तुरी की शहादत
1990 में बाराचट्टी विधान सभा क्षेत्र में आईपीएफ की जीत और इस क्षेत्र में पुलिस गोलीकांड में शहीद हुए थे आईपीएफ व भाकपा माले नेता धनेश्वर तुरी. 90 के दशक मे वामदलों का बाराचट्टी विधानसभा अच्छा प्रभाव था. 1957 में अलग विधानसभा क्षेत्र बनने के बाद से बराचट्टी में 1996, 2003 के उपचुनाव सहित 18 चुनाव हो चुके हैं. कांग्रेस और राजद ने चार‑चार बार जीत दर्ज की, समाजवादी धारा की तीन अलग‑अलग पार्टियां एक‑एक बार, जनता दल और जद‑यू दो‑दो बार, जबकि जनता पार्टी, इंडियन पीपुल्स फ्रंट और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) एक‑एक बार विजयी रहे.