झारखण्ड में हेमंत सोरेन और चम्पई सोरेन की सियासी उलटफेर को देखकर 2015 में बिहार में नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच कुर्सी की खींचतान याद आ गई. हालांकि झारखण्ड में बिहार के तरह राजनीतिक नाटक तो नहीं हुआ .
हेमंत सोरेन को चम्पई सोरेन से अपनी कुर्सी वापस लेने के लिए ज्यादा मेहनत तो नहीं करना पड़ा. जैसा 2015 में बिहार में नीतीश कुमार को जीतन राम मांझी से अपनी कुर्सी वापस लेने के लिए करना पड़ा था.
क्या झारखण्ड के मांझी बनेंगे चम्पई ?
JMM के शीर्ष नेतृत्व को यह चिंता लगने लगी है . आगे चलकर जीतन राम मांझी तो नहीं बन जायेंगे चम्पई के प्रभाव वाले झारखण्ड के कोल्हान क्षेत्र में विधानसभा की कुल 14 सीटें है जहाँ उनका काफ़ी जनाधार मना जाता है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है की चम्पई को नए सरकार में क्या पद मिलेगा और किस पद के लिए वो तैयार होंगे ।