रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
झारखण्ड में विधानसभा स्पीकर और निलंबित विधायकों के बिच सियासी उठा – पटक थमने का नाम नहीं लें रहा है.
बीजेपी के विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो को पद से हटाने को लेकर झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव को नोटिस भेजा है।
निलंबित विधायकों विधानसभा अध्यक्ष पर लगाया गंभीर आरोप
भाजपा ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने अपने पद का निष्पक्ष रूप से उपयोग नहीं किया और मुख्यमंत्री के हित की रक्षा करते हुए झामुमो के विधायक सुदिव्य कुमार द्वारा लाए गए निलंबन प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों को निलंबित किया।
क्यों निलंबित हुए थे विधायक ?
झारखंड विधानसभा के स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को भाजपा के कुल 18 विधायकों को सदन में अमर्यादित व्यवहार करने, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी वेल में धरना देने, सदन की गोपनीयता भंग करने के लिए 2 अगस्त को अपराह्न दो बजे तक के लिए निलंबित कर दिया था.
विधायकों ने प्रभारी सचिव से झारखंड विधानसभा की प्रक्रिया व कार्य संचालन के नियम 158 (1) के तहत उन पर कार्रवाई की मांग की है। भाजपा के विधायकों ने पत्र के माध्यम से स्पीकर पर कई आरोप लगाए हैं। वहीं, सरयू राय का गैर सरकारी संकल्प वोटिंग के माध्यम से खारिज हुआ।
क्या लिखा है पत्र में …
प्रभारी सचिव को प्रेषित पत्र पर बाबूलाल मरांडी समेत भाजपा के 22 विधायकों ने हस्ताक्षर किया है। पत्र में कह गया है कि झारखंड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो ने पद का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं करते हुए पार्टी के 18 विधायकों को हेमंत सरकार के इशारे पर निलंबित किया।
इन विधायकों में अनंत कुमार ओझा, रणधीर कुमार सिंह, नारायण दास, अमित कुमार मंडल, डॉ. नीरा यादव, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, बिरंची नारायण, अपर्णा सेनगुप्ता, राज सिन्हा, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, सीपी सिंह, नवीन जयसवाल, डॉ. कुशवाहा शशि भूषण मेहता, आलोक कुमार चौरसिया एवं पुष्पा देवी हैं।