रिपोर्ट- सुजीत पाण्डेय
जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शराबबंदी को लेकर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध शराब के सेवन से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अहंकार के कारण शराबबंदी को समाप्त करने के लिए तैयार नहीं हैं।
पीके ने नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति की आलोचना करते हुए कहा, नीतीश कुमार ने ऐसा शराबबंदी लागू किया है जिसमें शराब की दुकानें तो बंद हो गईं, लेकिन होम डिलीवरी शुरू हो गई. यह नीति पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल बन गई है, जैसे कि अमेज़न (Amazon)और फ्लिपकार्ट (Flipkart) में दुकानें बंद कर होम डिलीवरी शुरू होती है. नीतीश बाबू ने बिहार में होम डिलीवरी का मॉडल पेश किया है – शराब की दुकानें बंद कीं और घर-घर शराब की डिलीवरी चालू कर दी.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में घर-घर शराब बेची जा रही है, जिससे राज्य के गरीबों का हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैसा शराब माफिया और अफसरों की जेब में जा रहा है, जबकि बिहार के लोग गरीबी में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की जनता से सवाल किया कि क्या नीतीश कुमार का शासन बदलना चाहिए? इस पर वहां मौजूद लोगों ने ध्वनि मत से प्रशांत किशोर के बयान का समर्थन किया।