रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह
नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा था. लेकिन वित्त विभाग ने इससे इनकार कर दिया है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार विशेष राज्य के दर्जे के लिए तय मानकों पर फिट नहीं बैठता.अब इसी को लेकर सियासत उठा – पटक शुरु हो गया.
कुछ रोज पहले से JDU के नेता विशेष राज्य के दर्जे के लिए माहौल बना रहे थे. राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने तो इसके लिए नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला भी दिया था. इसके अलावा बजट सेशन के पहले ऑल पार्टी मीटिंग में इस मांग को रखा गया था. JDU के अलावा चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने भी इस मांग को दोहराया था. 22 जुलाई को संसद में इस सवाल का जवाब दिया गया.
केंद्र सरकार जवाब
जवाब में कहा गया कि बिहार सरकार के अनुरोध पर एक ‘अंतर-मंत्रालयी समूह’ (IMG) बनाया गया था. IMG ने इस पर विचार किया और 30 मार्च 2012 को अपनी रिपोर्ट सौंपी. IMG ने कहा कि राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) के मानदंडों के आधार पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता.
आख़िर क्यों नहीं मिला विशेष राज्य का दर्जा
“NDC द्वारा पूर्व में कुछ राज्यों को सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा प्रदान किया गया था. जिनकी कई ऐसी विशेषताएं थीं जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी. इन विशेषताओं में शामिल हैं- पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम जनसंख्या घनत्व और/या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन और राज्य के वित्त की असमान प्रकृति. ये फैसला इन बातों पर और राज्य की विशिष्ट स्थिति के आधार पर लिया गया था.”
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने मांगा नीतीश से इस्तीफा
लालू यादव ने इस मसले पर नीतीश कुमार का इस्तीफा मांग लिया है. उन्होंने कहा है कि नीतीश ने कहा था कि वो बिहार के विशेष राज्य का दर्जा दिलाएंगे. अब नहीं दिला पाएं तो इस्तीफा दें. उन्होंने आगे कहा कि लालू यादव बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे, PM मोदी को ऐसा करना ही पड़ेगा.