46 साल बाद खुले जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार के ताले, नागराज कर रहे थे रखवाली …

रिपोर्ट – राहुल प्रताप सिंह 

46 साल बाद भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का ताला खोला गया। अफसरों ने आभूषणों और अन्य मूल्यवान सामानों की सूची बनाई। आखिरी बार रत्न भंडार 1978 में खोला गया था।

यहां सांपों की मौजूदगी की आशंका को लेकर स्नेक हेल्पलाइन के साथ ही मेडिकल टीम भी मौजूद रही. ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि मंदिर का रत्न भंडार खोलने के बाद जेवरातों व कीमती चीजों की सूची तैयार होगी.

खजाने में क्या – क्या है ?

बता दें कि भगवान जगन्नाथ मंदिर के अंदर रखे रत्न भंडार को फिर से खोला गया. इसके लिए राज्य सरकार ने 11 सदस्यों की एक टीम का गठन किया गया था. 

इस खजाने को इससे पहले साल 2018 में खोलने की कोशिश की गई थी, लेकिन फिर कोशिश बंद कर दी गई. 

• पिछली बार साल 1985 में इस तहखाने को खोला गया था. इस दौरान राजाओं के मुकुट से लेकर खजानों से भरी तिजोरियां देखने को मिली थीं. दरअसल, रत्न भंडार में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के कीमती आभूषण और खाने-पीने के बर्तन रखे हुए हैं. खजाने में वो चीजें हैं, जो उस दौर के राजाओं और भक्तों ने मंदिर में चढ़ाए थे. 12वीं सदी के बने मंदिर में तब से ये चीजें रखी हुई हैं. इस भंडारघर के दो हिस्से हैं, एक बाहरी और एक भीतरी भंडार.